वायु प्रदूषण रोकथाम के लिए

वायु प्रदूषण रोकथाम के लिए प्लाइवुड फैक्ट्रियां बंद

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने की कार्रवाई 15 नवंबर तक बंद रखने के दिए निर्देश
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई शहरों में कार्रवाई की है। लखनऊ की 13 प्लाइवुड फैक्ट्रियों को 15 नवंबर तक बंद कर दिया गया है। संपूर्ण एनसीआर में सांपला, पानीपत, गाजीयाबाद आदि शहरों में 15 नवंबर तक सभी औद्योगिक इकाइयों सहित सभी प्रदूषण फैलाने के जिम्मेवार माने जाने वाले अन्य स्त्रोतों जैसे निर्माण गतिविधियां बंद करने का निर्देश दिया गया है। आवास विकास परिषद सहित भवन निर्माण की 29 परियोजनाओं को नोटिस दिया गया है। गाजियाबाद में भी 2.38 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। मुरादाबाद में मेटल गलाने वाली 40 भट्टियों को बंद कर दिया गया है।

गाजियाबाद क्षेत्र में बोर्ड ने वायु प्रदूषण फैलाने के आरोप में पांच इकाइयों पर 1.14 करोड़ का जुर्माना लगाया है। 22 भवन परियोजनाओं पर भी 1.07 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। गाजियाबाद में कूड़ा जलाने के मामले में 17.5 लाख रुपये का दंड लगाया गया है।

विभिन्न शहरों में पराली जलाने पर कृषि विभाग ने हजारों रुपये का जुर्माना लगाया है। कई व्यक्त्यिों के खिलाफ एफएआइआर दर्ज कराई जा चुकी है।

प्रदूषण की ‘गिरफ्त’ में हवा
लखनऊ सहित सूबे के कई प्रमुख शहरों में हवा जहरीली बनी हुई है। खास बात है कि ज्यादातर शहरों ने वायु प्रदूषण में दिल्ली को पीछे छोड़ दिया है। लखनऊ देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर था लेकिन, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, कानपुर और मेरठ ने लखनऊ (एक्यूआइ 273) को पछाड़ दिया। देश में सर्वाधिक प्रदूषित शहर मुजफ्फरनगर रहा। वहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 343 यूनिट रिकार्ड हुआ। गाजियाबाद में 285, कानपुर में 282, मेरठ व मुरादाबाद में 280 रहा।