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शराब का छिड़काव कर मालामाल हो रहे हैं आलू उत्पादक किसान

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के किसान आलू के खेतों में शराब भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं. आलू किसानों का कहना है कि शराब के छिड़काव से आलू का ग्रोथ बहुत तेजी से बढ़ता है.

आपने शराब से जुड़ी तमाम खबरें पढ़ी या देखी होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सेहत के लिए खतरनाक बताई जाने वाली शराब का खेती-किसानी में खूब इस्तेमाल हो रहा है। मामला उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले का है, यहां किसान आलू के खेतों में शराब भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। आलू किसानों का कहना है कि शराब छिड़काव से आलू का ग्रोथ बहुत तेजी से बढ़ता है। जिले के किसान आलू की अधिक पैदावार के लिए खेतों में शराब का छिड़काव कर रहे हैं। किसानों की मानें तो इससे फसल पर शीतलहर का प्रकोप नहीं लगता है और पैदावार भी अधिक होती है, साथ ही आलू का साइज भी मोटा होता है जिससे अधिक मुनाफा होता है। किसानों के मुताबिक वे आलू की फसल पर कीटनाशक दवाओं के साथ-साथ शराब का भी स्पे्र कर रहे हैं। किसानों का यह भी कहना है कि शराब के स्पे्र से आलू की फसल जल्दी तैयार हो जाती है।

एक किसान ने बताया कि शराब के छिड़काव से आलू की फसल पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है बल्कि उपज अच्छी होती है। ठंड में अधिक पाला पड़ने की वजह से आलू में शराब का स्पे्र किया जाता है, इस बारे में बहराइच के उद्यान निरीक्षक आरके वर्मा ने एनडीटीवी को बताया कि इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, हालांकि विगत कई वर्षों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान आलू की पैदावार बढ़ाने के लिए आलू की फसल पर कीटनाशकों के साथ शराब का छिड़काव करते आ रहें है जिससे उन्हें काफी लाभ भी हो रहा है। इसी को देखते हुए अब पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों ने भी शराब का छिड़काव शुरू कर दिया है।

वह कहते हैं कि शराब का छिड़काव करने से उसमें मौजूद एल्कोहल फसलों पर उत्प्रेरक का कार्य करता है जिससे पत्तियों के स्टोमेटा खुल जाते हैं और उनमें प्रकाश संश्लेशण की क्रिया बढ़ने से क्लोरोफिल की मात्रा बढ़ जाती है जिससे फसल हरी-भरी और स्वस्थ दिखाई देती है तथा बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है। चूूंकि आलू एक कन्दीय फसल है, इसलिये इसके कन्दों पर अभी तक किसी प्रकार की शराब के दुश्प्रभाव की जानकारी नहीं हुई है। अनुसंधान के बाद ही इसके बारे में सही जानकारी दी जा सकती है।

सौजन्य: एनडीटीवी