refund

हवाई टिकटों पर नहीं मिल रहा रिफंड


फोन पर रोबोट की तरह एक ही जानकारी बार-बार दोहराते हैं कि कंपनी ने रिफंड न देने और उसके बदले वाउचर देने का निर्णय लिया है।

वे एक ही बात बार-बार करने के अलावा कुछ नहीं बोलते। वे केवल इतना कहते हैं कि मैं शिकायत दर्ज कर सकता हूं लेकिन उससे मुझे रिफंड नहीं मिलेगा।’

केवल अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनी के मामले में नहीं हो रहा है बल्कि घरेलू विमानन कंपनियों की भी यही कहानी है। भारतीय विमानन कंपनियां भी यात्रियों को रिफंड देने से इनकार कर रही है। वे भी उन्हें क्रेडिट दे रही है जिसका उपयोग बाद में किया जा सकता है। विमानन कंपनियों पर ग्राहकों का लााखों रुपये का बकाया है और ऐसे में विमानन कंपनियों के बेलआउट पर करदाताओं की रकम खर्च करने के औचित्य पर लोग सवाल उठा रहे हैं। जबकि ये विमानन कंपनियां उन्हीं करदाताओं के बकाये को वापस करने से इनकार कर रही हैं।

भारतीय नागरिक उडड्यन नियामक के निर्देशों के अनुसार, उड़ान रद्द होने की स्थिति में विमानन कंपनी यात्रियों को रकम लौटाने के लिए बाध्य है। लेकिन खराब मौसम जैसी कुछ परिस्थितियां इसके अपवाद हैं। नागर विमानन मंत्रालय के चार्टर में कहा गया है, ‘‘यदि आपको उड़ान रद्द होने की सूचना दो सप्ताह से कम समय में लेकिन निर्धारित प्रस्थान से 24 घंटे तक दी जाती है तो विमानन कंपनी को दूसरी उड़ान की पेशकश करनी चाहिए अथवा टिकट की रकम वापस करनी चाहिए।’

एक विमानन कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘ऐसा सामान्य परिस्थिति में होता है। लेकिन देशव्यापी लाॅकडाउन के कारण कई सप्ताह तक उड़ानों को रद्द करना पड़ा है जिससे नकदी और राजस्व बचाना विमानन कंपनियों की मजबूरी हो गई है। यदि अब उन्हें रिफंड देने के लिए मजबूर किया जाता है तो कई विमानन कंपनियों को कारोबार से बाहर होना पड़ेगा।’