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केंद्रीय बैंक ने दरों में नहीं किया बदलाव, बैंकों को कर्ज पुनर्गठन की अनुमति


भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मौद्रिक नीति में दरों में कटौती पर विराम लगाते हुए दरों में कटौती का निर्णय आगे के लिए टाल दिया। हालांकि कोविड-19 के दबाव के बीच व्यक्तिगत और कारोबारी जगत के बीच कर्ज पुनर्गठन में ढील देने की पहल की है।

पुनर्ग्रठन की सुविध उन्हीं कर्जदारों के लिए होगी जिन्होंने 1 मार्च, 2020 तक 30 दिन से ज्यादा का डिफाॅल्ट नहीं किया है। इस तरह की सुविधा का लाभ इस साल 31 दिसंबर तक उठाना होगा और पर्सनल लोन के लिए 31 मार्च, 2021 तक और अन्य ऋणों के मामले में 30 जून, 2021 तक इसे लागू करना होगा।

काॅरपोरेट ऋण के मामले में कुछ शर्तें होंगी लेकिन पर्सनल लोन के पुनर्गठन के लिए कोई शर्त नहीं लगाई गई है। इसके अलावा आरबीआई ने सोने पर उसके मूल्य का 90 फीसदी तक ऋण लेने की सुविधा दी है। पहले 75 फीसदी तक ही कर्ज मिलता था। स्टार्टअप को भी ऋण के लिए प्राथमिक क्षेत्र का दर्जा दिया गया है। केंद्रीय बैंक कार्ड और मोबाइल के जरिये ऑफलाइन रिटेल भुगतान शुरू करने की भी योजना बना रहा है।