FM proposes hike in Customs duties

चीन से आयात कम करने की जरूरत

सभी देश किसी न किसी रूप में एक दूसरे के साथ व्यापार के लिए निर्भर हैं। इसमें कोई दोराय नहीं है कि देश के विकास और विश्वव्यापी समस्याओं के लिए एकजुट होना चाहिए। लेकिन सभी देशों का एकजुट होना और एक-दूसरे देशों के साथ व्यापार करना आसान भी नहीं है। भारत दूसरे देशों, खासतौर पर अपने पड़ोसी देश चीन के साथ व्यापार करने के मामले में गंभीरता से कदम नहीं उठाता है। इस कारण भारत को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। भारत कभी सोने की चिड़िया हुआ करती थी लेकिन कुछ स्वार्थी लोगों के कारण आज सोने की चिड़िया नहीं रह गई है। भारत की पराधीनता का कारण ईस्ट इंडिया कंपनी का भारत आना और गुलामी की जंजीरों जकड़ा जाना था। अगर महात्मा गांधी ने भारतीयों को स्वदेशी के प्रति जागरूक नहीं किया होता तो आज शायद भारत स्वतंत्र नहीं हुआ होता। आज एक बार फिर भारत विदेशी सामान के मोह में फंसता जा रहा है। खासतौर पर चीन का बड़ा बाजार भारत बन गया है। चीन से ज्यादा आयात होने पर भारत अनजाने में चीन की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहा है और साथ ही अपने देश के उद्योग धंधों की बरबादी का कारण भी बन रहा है। भारत को विदेशी व्यापार के मामले में अन्य देशों की तरह ही समझौते करने चाहिए, जिससे देश में रोजगार सृजन तथा अर्थव्यवस्था मजबूत हो सके। इसके बाद ही भारत फिर से सोने की चिड़िया बन सकेगा।