मेला डुबिया, ज्यादा पील नहीं किया। 5-7 लकड़ी पील की थी जो गुरप्रीत जी ने प्रोवाईड कराई थी। कोर की रियलाइजेसन तो बढ़िया आई है।

अंडरस्टैडिंग जो मेरी बनी है देखकर कि कोर की क्वालिटी तो ओके है और डेफिनेटली कोर और फेस दोनों में सक्सेस भी हो जाएगी। बैटन के लिए भी अच्छी हो जाएगी।

जैसे हम पोपलर यूज करते हैं बोर्ड के लिए उसी तरह से भी काम में आ जाएगी। वैसे ये नीम की वैराइटी है। असम में इसे घोड़ा नीम बोलते हैं। हालंकि प्रचलित नहीं थी ज्यादा और इसका प्लांटेशन नहीं हुआ था।

अब साउथ में जैसे-जैसे मेच्यूर होता है मेलीया वो माल फर्नीचर की गे्रेड में भी यूज हो रहा है काफी। गे्रन्स भी डेवलप हो जाते हैं इसके। जो मैनें समझा है। और अभी गुजरात में सरकार ने प्लांटेशन पर काफी सब्सिडी दे रखी है। इसकी गैस्टेशन पीरियड कम है 3-4 साल में ही तैयार हो जाता है। शायद।

मेलिया का फ्यूचर तो है ही, गुरप्रीत से मेरी बात होती है पर किसान उस तरफ जल्दी आ नहीं रहा है। एक भेड़ चाल वाला काम है। सभी कोई ट्रैन्ड फोलोवर बनना चाहते हैं-ट्रैन्ड सेंट्टर कोई नहीं बनना चाहता।

डर रहता है कि कमर्शियली पिट जाएगा। आज आप गाड़ी लेने जाते हैं तो आप टोयोटा, मारूति ही लेना चाहेंगे सेफली प्ले करेंगे। माइंड सेट है।

एग्रो फाॅरेस्ट्री, एक बहुत बड़ा क्वेशचन मार्क लग गया है आजकल। रिजन क्या है कि हमारे नार्थ में वेस्टर्न यूपी, हरियाणा में गन्ने का और गेहूं का दोनों का प्राइज इतना बढ़िया है सरकार की एमएसपी की सपोर्ट है। रेडीमेड ग्राहक हर समय खड़ा हैं। कोई बंदा ज्यादा ऐक्सपेरीमेंट करने के मूड में नहीं है। और गन्ने को लेकर तो बोंड साइन करें हुए हैं मिल के साथ। कोई अपनी इक्वेशन को डिस्टर्ब ही नहीं करना चाहता। इशू तो हैं लेकिन जितना मैंने अंडरस्टैंड किया है। मंडी में आ रहा है थोड़ा-थोड़ा ये, मैं 2-4 अड़ती को बोल के रखना है। मैंने सुना है 700 तक की रेंज में माल आ रहा है। ज्यादा नहीं है। वो देखते है एक दो गाड़ी मंगवाकर उसे पील करके। उसका रियलाइजेशन करके। जब हमने वो रियलाइजेशन निकाली थी तो वो आई ओपनर थी। 500 स्कवायर फीट से ज्यादा की रियलाइजेशन, 1.7 उउ थिकनस बेसिस पर हमने कैलकुलेट किया। सिर्फ कोर की। जो हमें मिलती है पोपलर में चार सो या पौने चार सो को अगर 1.7 बेस पर पील करें। रियलाइजेशन तो बहुत ज्यादा आएगी और उस हिसाब से गणित तो सही बैठेगा।