वातावरण को गैरजिम्बाराना तरीके से     

                                                    वातावरण को गैरजिम्बाराना तरीके से                                                                                                         विनाश  की ओर….

दिल्ली एनसीआर के पोल्युशन ईंडेक्स को देखकर जो 1200 से पार कर गया कौन खुश होगा। न सुप्रीम कोर्ट, न लोग न सरकार – न हरियाणा, न पंजाब, न उत्तरप्रदेश की सरकारें- तो कौन चाह रहा है- जरा चिंतन मनन की आवश्यकता है-

आईए एक- एक को अंदर झांकने का मौका दें। हम गंगा यमुना व अन्य नदियों को देवी की तरह पूजते हैं- हमारी संस्कृति है- लेकिन हमारे कर्म तो ऐसे नहीं हैं- इन नदियों और वातावरण को किसने गंदा किया हमने या हमारे किसी दुश्मन ने या दुश्मन देश ने?

हमें ये जिम्मेवारी लेनी होगी। वरना आने वाली पीढ़ीयां नहीं-हमारी एकदम अगली पीढ़ी ही हमें घृणा की दृष्टि से देखेगी।

हमें अपने मन, कर्म व वचन से एक रहना होगा एकदम, नहीं तो मानव के अस्तित्व में ही प्रश्न चिन्ह है?

जिस तरह स्वस्थ मनुष्य को स्वस्थ दिखने के लिए नार्मल तापमान 98 डिग्री सेल्सियस चाहिए उसी प्रकार पृथ्वी व अपने आप पास का पोल्युशन ईंडेक्स 0-50-100 रखना होगा। नहीं तो डाक्टरों के हिसाब से गंभीर बिमारियां जैसे कैंसर आदि की आशंका की पूरी तैयारी है!

जगाया उसको जाता है- जो सोया हुआ हो- यहां सब जागे हैं- और अपने वातावरण का क्या हाल कर दिया है-

वैज्ञानिकों की चेतावनी है- जल्दी ही समुन्द्र का लेवल उपर होने से कोई बड़े-बड़े शहर -मुंबई जैसे समुन्द्री पानी में डूबने की स्थिति में है-ग्लेश्यिर पिघल रहे हैं- जो कई लाखों वर्षों से जमा रहे है- गल्फ देशों की गर्मी से पेड़ों में अपने आप आग लग रही है- एमेजन लाखों एकड़ जंगल जलकर राख हो रहे हैं-

ईलाज सबको मालूम है- सब चेतावनी दे रहे हैं-युद्धस्तर पर एकदम अगर नहीं जागे कुछ करने के लिए तो शायद अतिश्योक्ती न होगी। अगला लेख वार्निंग नहीं देगा बल्कि विनाश और विनाश के परिणामों का विवरण दे रहा होगा-

सुभाष जौली
प्रेजिडेंट- वुुड टेक्नोलाॅजिस्ट एसोसिएशन
subhasjolly@gmail.com