विषम परिस्थिति में भी आशा की किरण

वाहन क्षेत्र में मंदी के बीच टीवीएस मोटर के चेयरमैन वेणु श्रीनिवास का मानना है कि जनवरी तक उसमें सुधार दिखेगा।

हमें यह अवश्य देखना चाहिए कि वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत में क्या हो रहा है। दुनिया का हरेक बाजार मंदी के चपेट में है। चीन व्यापार जंग के साथ मंदी के चपेट में जा रहा है। हालांकि वह इसके बारे में बात नहीं कर रहा लेकिन वास्तव में विनिर्माण में सुस्ती दिख रही है। अमेरिका मंदी के चपेट में है जबकि फ्रांस और जर्मनी में शून्य वृद्धि है। लेकिन हम इस परिस्थिति में भी कम बढ़ रहे हैं। कमजोर वृद्धि के कारण विनिर्मित उत्पादों की मांग में थोड़ी कमी दिख सकती है जिसे हम भारत में आज दिख रहे हैं। सरकार इस समस्या से भलीभांति अवगत है। उन्होंने उद्योग के साथ काफी विचार-विमर्श किया है और मैं समझता हूं कि मौद्रिक उपलब्धता बढ़ाने के लिए कई घोषणाएं की गई हैं, बैंकों में पूंजी डाली गई है, बैंकों का सृदृढीकरण किया जा रहा है और इसके अलावा कई अन्य उपाय किए जा रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि एक और घोषणा की जा सकती है जो रियल एस्टेट और रियल एस्टेट के लिए जीएसटी से संबंधित होगा।

वृद्धि को पटरी पर लाने के लिए हमें बुनियादी ढांचा में निवेश बढ़ाने के उपाय करने की जरूरत है। हमें मांग की वापसी का इंतजार नहीं कर सकते। सड़क, ग्रामीण आवास, शहरी बुनियादी ढांचा जैसे राज्य परिवहन बसें, लो फ्लोर बसों की खरीदारी और करीब 10,000 बसें आपूर्ति के लिए तैयार हैं। मैं समझता हूं कि अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कुछ उपाय करने की जरूरत है जिसके बिना तेजी नहीं आएगी और मुझे विश्वास है कि सरकार ऐसा करेगी। यहां तक कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत 10 प्रमुख शहरों में जल पुनचक्रण में काफी संभावनाएं हैं जिससे सीमेंट, निर्माण एवं रोजगार क्षेत्र में काफी मांग पैदा होगी। दुनिया की सभी प्रमुख अर्थव्यवस्था मंदी के चपेट में हैं। आज के दौर में आप दुनिया की वास्तविकताओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते।