किराए की जमीन पर प्लाइवुड फैक्टरी चलाने वाले नहीं दे रहे पेमेंट
- May 13, 2019
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किराए की जमीन पर प्लाइवुड फैक्टरी चलाने वाले नहीं दे रहे पेमेंट
फेस विनियर एसोसिएशन ने उन्हें माल न देने का लिया फैसला
प्लाइवुड एसोसिएशन के अनुसार 6 माह में प्लाइवुड के रेट 6 प्रतिशत बढ़े और राॅ मेटिरियल के केवल 60 प्रतिशत
कई प्लाइवुड व्यापारीयों ने फेस विनियर व्यापारियों की लाखों रुपए की पेमेंट नहीं दी है। शहर के कई बडे़े व्यापारी ऐसा कर रहे हैं वे न तो उन्हें पेमेंट दे रहे हैं और न ही उनका फोन रिसीव कर रहे हैं।
एक अनुमान के अनुसार एक फेस विनियर व्यापारी की लाखों रुपए की पेमेंट फंसी होने से उनको काम चलाने में मुश्किल हो रही है या उनका काम बंद हो रहा है। इन सब परेशानियों से बचने के लिए एक मीटिंग करने का फैसला लिया जो कि रविवार को हुई। यह मीटिंग फेस वीनियर एसोसिएशन के पदाधिकारियों के बीच हुई जिसमें किराए की जमीन पर चल रहीं प्लाइवुड फैक्ट्रियों के मालिकों को माल नहीं दिए जाने का निर्णय लिया। क्योंकि सबसे ज्यादा पेमेंट इन्हीं फैक्टरी मालिकों ने रोक रखी हैं जिनमें से कुछ ऐसे भी होते हैं जो लाखों रुपए का माल लेकर रातों-रात फैक्टरी बंद कर फरार हो जाते हैं। इस तरह की फैक्टरियों के नामों का खुलासा करने और उन्हें सोमवार को सार्वजनिक करने का निर्णय लिया गया।
बता दें प्लाइवुड मैन्युफेक्चर में फेस विनियर की जरूरत होती है। दो साल पहले भी फेस विनियर व्यापारियों के सामने पेमेंट समय पर न मिलने की दिक्कत आई थी।
फेस विनियर एसोसिएशन के प्रधान श्री अशोक सोमानी ने कहा कि फेस व्यापारियों के साथ हर दिन इस तरह की धोखाधड़ी हो रही हैं। कुछ लोगों ने एक माह में पेमेंट देने की बात कही थी पर चार-चार माह के बाद भी उनकी पेमेंट रूकी हुई है। इन सभी समस्याओं को देखते हुए उन्हें माल न देने का निर्णय लिया गया। रविवार को हुई इस मीटिंग में मुकेश उप्पल, सतीश केडिया, विकास, संदीप कुमार, प्रवीन, राहुल, गौरव नीलगिरी, विपुल, पारस बजाज, राकेश चिका, गौरव, राहुल उप्पल, साहिल, यतिन जैन, सुमित गुप्ता, भरत अग्रवाल, प्रतीक, निकुंज सिंगला समेत अन्य मौजूद रहे।
यमुनानगर प्लाइवुड का हब है। प्लाईवुड, प्लाई, फट्टी आदि सब तैयार होते हैं। कई व्यापारियों ने पहले फैक्टरी लगाई थी पर अब वो कोई और काम करने लग गए। ऐसी करीब 80 फैक्ट्रियों यमुनानगर में चल रही हैं। फेस विनियर व्यपारियों का कहना है कि सबसे ज्यादा पेमेंट इन्हीं फैक्टरियों में डूब रही हैं। खजूरी रोड़ पर पिछले दिनों ही एक प्लाइवुड फैक्टरी बंद कर मालिक चला गया। उस पर लाखों की पेमेंट फंसी है।