समय कठिन है, पर अपनी नीयत साफ रखें

बहुत शोरगुल में रक्तचाप बढ़ जाता है व हृदय गति तेज हो जाती है। इसीलिए ऐसा माना जाता है कि जो लोग शांत स्थानों पर काम करते हैं, उनका स्वास्थ्य ठीक रहने की संभावना ज्यादा होती है व शोरगुल में काम करने वालों की बीमारी के खतरे अधिक होते हैं। इस वक्त हमारे आसपास बहुत शोर है-क्या करें, क्या न करें? एक अजीब-से भ्रम की स्थिति है। जो कुछ करना चाहते हैं, उनको इतनी बाधाएं आ गईं कि वे थक से गए। बीमारी से इन्सान ही नहीं मर रहे, मनुष्य के भीतर की महत्वाकांक्षा भी दम तोड़ रही है। किसी भी देश के लिए यह बहुत अशुभ बात होगी कि उसके लोगों की महत्वाकांक्षा समाप्त होने लगे। फिर कैसे आगे बढ़ पाएंगे? जो लोग महत्वकांक्षा को बचाए रखे हैं, उनमें ज्यदातार ने बेईमानी का सहारा ले लिया। दुनियाभर की भाषाओं व अक्षरों को फर्राटे से पढ़ने वाले भी ‘ईमानदारी’ शब्द पर आकर हकलाने लगे हैं। इसलिए यदि महत्वकांक्षा को जीवित रखते हुए कोई कार्य कर रहे हों, तो अपनी नीयत साफ रखें। ध्यान रखें, समय कठिन है पर इतना कठिन भी नहीं कि अपनी जिंदगी का सौदा बेईमानी से कर लें।