जो लोगों को साथ लेकर चले, उन्होंने इतिहास रचा
- January 13, 2021
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वेब सीरीज़ ‘स्कैम 1992’ के कई वक्तव्य में छिपे हैं अहम सबक, इन्हें अमल में लाकर विफलता को सफलता में बदल सकते हैं।
बिज़नेस में सैचुरेशन आता है, दिमाग में थोड़ी आता है….
बिज़नेस मंदा हो सकता है, मगर दिमाग चलता रहता है और चलते रहना चाहिए। कभी कोरोना आएगा, कभी कोई दूसरी बीमारी आएगी, कभी राजनीतिक अस्थिरता आ सकती है। कभी स्कैम की वजह से बिज़नेस धीमा हो सकता है, लेकिन दिमाग कभी भी धीमा नहीं पड़ना चाहिए। तेज दिमाग एक के बाद एक नए प्रोडक्ट बनाता है, इनोवेशन करता है, नई मार्केटिंग करता है और नए ग्राहक ढूंढता है। यदि दिमाग में सैचुरेशन आ गया तो कोई भी आपको बचा नहीं पाएगा। इसलिए अपने दिमाग को सैचुरेशन से बचाइए। लगातार सीखिए, अपने आप को अगप्रेड कीजिए।
टाइम जाता नहीं है, टाइम लाता है एक्सपीरियन्स और एक्सपीरियन्स की अपनी वैल्यू है…
जो लोग असफल होने से घबराते हैं, जो कहते हैं कि मेरा एक साल खराब हो गया, मैं फ़ेल हो गया, अब यह वक्त कौन लाकर देगा, उन्हें यह वक्तव्य बड़ा संदेश देता है। जिस ‘टाइम वेस्टिंग’ को आप नुकसान मान रहे हैं, वो आपको ऐसा अनुभव दे रहा है, जिसकी जगह न कोई टेक्नोलाॅजी ले सकती है, ना कोई व्यक्ति। इस अनुभव से आप विजेता बनते हैं, इसलिए यह मत सोचिए कि प्रयास असफल हुआ तो समय बर्बाद हो जाएगा। हर असफलता अनुभव देकर जाती है, बशर्ते हम उस अनुभव से सीखें और वे गलतियां दोबारा न करें।
सक्सेस क्या है? फैलियर के बाद का नया चैप्टर!
एक सवाल जो बचपन से सबको थकाता रहा है – मुर्गी पहले आई या अंडा और ठीक ऐसा ही सवाल है- सफलता पहले या असफलता! यह बात गांठ बांधकर रख लेनी चाहिए कि पहले कोई भी आए, लेकिन कोई भी अध्याय स्थायी नहीं है। यदि आप प्रयास करते रहें तो असफलता स्थायी नहीं है और आप प्रयास न करें तो सफलता भी स्थायी नहीं हैं। शुरूआत में असफलत होना तो जीवन का नियम है। हर कोई शुरुआत में हारता है, इसलिए पहली बार में असफल होने की चिंता मत कीजिए और अपनी पूरी ताकत लगाना जारी रखिए। यदि आप पूरी मेहनत करके फेल हो गए तो मलाल नहीं होगा क्योंकि आपने अपनी 100 फीसदी ताकत झोंकी। उसके बाद सफलता का आना तय है। जब विफल होंगे, उससे सीखेंगे तो सफलता दरवाजा खटखटाते हुए मिलेगी।
मैं हिस्ट्री बनाना चाहता हूं और हिस्ट्री ऐसे ही नहीं बनती, लोगों को साथ लेकर चलना पड़ता है।
चाहे व्यापार हो या राजनीति, खेल हो या कूटनीति, यह वक्तव्य सोने की तरह खरा है। जितने भी लीडर्स ने इतिहास रचा है, वे अपने साथ लोगों को लेकर चल रहे हैं और उन्होंने लोगों का विश्वास जीता है।
मैं सालों से सिखाते आया हूं कि यदि आपकी टीम सही है तो वह आर्डिनरी आइडिया को भी एकस्ट्रा आर्डिनरी आइडिया बना देगी। यदि टीम सही नहीं है तो एक्स्ट्रा आर्डिनरी आइडिया भी आर्डिनरी हो जाएगा। ऐसे लोग जो तन, मन और सोच से लक्ष्य के प्रति समर्पित हों, वही इतिहास बना सकते हैं। इसलिए जीवन और व्यापार में क्वालिटी टीम बनाइए जो आपको आपके विजन की तरफ ले जाने की ताकत रखती हो। ऐसे लोगों की टीम का हिस्सा बनिए जिनकी सोच बड़ी हो, जिनमे जुनून हो, जो हारने के लिए तैयार न हो, तो फिर इतिहास बनकर रहेगा।
डाॅ, उज्जवल पाटनी
मोटिवेशनल स्पीकर