‘traffic jam’ in the Suez Canal, hitting global trade
- March 27, 2021
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The Suez Canal, a critical shipping artery that connects the Mediterranean and Red Seas through Egypt, has been blocked after a large cargo ship ran aground while passing through it on 23rd March, bringing traffic on the busy trade route to a halt.
Egypt, which heavily depends on revenues from the canal, is now diverting ships to an older channel to minimise disruption to global trade. The blockage has already led to a long queue of vessels waiting to cross the canal.
A human-made waterway, the Suez Canal is one of the world’s most heavily used shipping lanes, carrying over 12% of world trade by volume. Built in 1869, it provides a major shortcut for ships moving between Europe and Asia, who before its construction had to sail around Africa to complete the same journey.
A spokesperson said that incidents such as this are rare, but can have massive ramifications for global trade when they happen. As per the report, the Ever Green is the largest vessel to go aground in the Suez Canal.
The Suez Canal Authority (SCA) is now trying to refloat the Ever Green using rescue and tug units, the report said. Diggers are also trying to free the ship from the canal’s bank, where it is lodged.
Experts have said that the effort to remove the ship and make the canal fully functional again could take several days. Since the alternative route between Europe and Asia around Africa is a week slower than the Suez route, a daylong blockage could have a severe impact on global trade.
दुनिया के सबसे व्यस्त ट्रेड रूट स्वेज नहर पर जाम
खुलने तक एशिया और यूरोप के बीच ट्रेड रहेगा लगभग ठप
दुनिया के सबसे व्यस्त कारोबारी मार्ग स्वेज नहर पर एक विशाल मालवाहक जहाज एवरग्रीन फंस जाने से जाम लग गया है। महज 24 घंटे से अधिक समय से 100 से ज्यादा जहाज जाम में फंसे हुए हैं। जाम खोलने में 5-7 दिन का समय लगने का अनुमान है। तब तक एशिया और यूरोप के बीच ज्यादातर ट्रेड लगभग ठप रहेगा।
स्वेज नहर से यूरोप और एशिया के बीच दूरी 9,656 किमी कम हो जाती है। दुनिया का 10 फीसदी कारोबार स्वेज नहर के जरिए ही होता है।
भारत से यूरोप और अमेरिका का होने वाला ज्यादातर निर्यात स्वेज नहर के ही रास्ते जाता है।
स्वेज नहर में फंसा एवरग्रीन नामक बाॅक्स शिप 400 मीटर लंबा है। अगर इसको सीधा खड़ा कर दिया जाए तो इसकी ऊंचाई एफिल टाॅवर और एंपायर एस्टेट बिल्डिंग से भी ज्यादा होगा। बताया जा रहा है कि तेज हवा की वजह से एवरग्रीन नहर में फंस गया है।
जाम लंबा रहा तो दुनिया की सप्लाई चेन पर असर
माना जा रहा है कि फंसे हुए जहाज को हटाने में 5 से 7 दिन का समय लग सकता है। ऐसा हुआ तो दुनियाभर की सप्लाई चेन पर इसका असर पड़ेगा। स्वेज नहर के दूसरे विकल्प में तो और ज्यादा समय लग जाएगा, क्योंकि उसमें पूरा अफ्रीका पार कर यूरोप पहुंचा जाता है। इसमें कम से कम दो हफ्ते का समय लग सकता है। समय के साथ-साथ इसमें खर्च भी अधिक आएगा। कोविड-19 की वजह से दुनियाभर की शिपिंग इंडस्ट्री पहले ही सालभर से तकलीफ में है। ऐसे में यह लंबा जाम कारोबार के लिए और नुकसानदायक साबित हो सकता है।