Deputy Chief Minister Dushyant Chautala has assured to make the employment law, made in the state, entrepreneur-friendly. He said that as many industrial associations are there in all the 22 districts of the state, Dialogue will be initiated with all of them. The intention behind the dialogue with the industrial organizations, is that, they should not consider the employment law as a hoax and whatever they are facing difficulties in implementing this law, it will be resolved immediately.

The state government has made a law to provide 75 percent employment to the youth of the state in industries, companies and factories, which has come into effect from January 15. This law is part of the common minimum program of the BJP-JJP alliance. So far 3280 youth have applied for employment on the web portal.

Dushyant Chautala clarified in response to a question that the employment law will not be applicable for two years on IT and any kind of new startup industry in the state. This law will not apply even in the industry where the work is less than 45 days. Dushyant said that the two industrial organizations who have filed case against this law in the court, their apprehensions will be resolved by talk.


डिप्टी सीएम दुष्यंत ने प्रदेश के उद्यमियों को भरोसा दिलाया


उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश में बनाए गए रोजगार कानून को उद्यमियों के अनुकूल बनाने का भरोसा दिया हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी 22 जिलों में जितनी भी औद्योगिक एसोसिएशन हैं, उन सभी के साथ संवाद कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। औद्योगिक संगठनों के साथ संवाद के पीछे यही मंशा है कि रोजगार कानून को वह हौवा न समझें और उन्हें इस कानून को लागू करने में जहां भी दिक्कत- परेशानी आ रही है, उसका तुरंत समाधान किया जाएगा

प्रदेश सरकार ने उद्योंगों, कंपनियों व फैक्ट्रियों में प्रदेश के युवाओं को 75 प्रतिशत रोजगार देने का कानून बनाया है, जो 15 जनवरी से लागू हो गया है। यह कानून भाजपा व जजपा गठबंधन के न्यूनतम साझा कार्यक्रम का हिस्सा है। अब तक 3280 युवाओं ने रोजगार के लिए वेबपोर्टल पर आवेदन किया है।

दुष्यंत चौटाला ने एक सवाल के जवाब में स्पष्ट किया कि आइटी और प्रदेश में किसी भी तरह के नए स्टार्टअप उद्योग पर दो साल के लिए रोजगार कानून लागू नहीं होंगे। जिस उद्योग में 45 दिन से कम का काम होगा, वहां भी यह कानून लागू नहीं होगा। दुष्यंत ने कहा कि जिन दो औद्योगिक संगठनों ने इस कानून के विरूद्ध कोर्ट में केस कर रखा है, उनसे बातचीत कर उनकी आशंकाओं का समाधान किया जाएगा।