Welfare schemes showing effect
- May 21, 2022
- 0
Due to Jan Dhan, Aadhar and Mobile (JAM) in the country, the common man has connected with the digital world. The way a vast integrated digital infrastructure of about 130 crore Aadhaar cards, 118 crore mobile users and 44 crore Jan Dhan bank accounts has developed in the country, it has become the basis of economic-social development of the common man.
The initiative has also promoted transparency. Due to this DBT is being successful today. So far more than 90 crore citizens have taken advantage of this. According to the National Informatics Center, currently 315 schemes are being operated by 54 ministries of the central government through DBT. Due to common man’s Jan Dhan accounts, India is now ahead of Germany, China and South Africa in terms of financial inclusion. There has also been a decline in crime in the states where the number of Jan Dhan accounts is high. There has been a significant and significant decline in the consumption of narcotics, such as alcohol and tobacco products, in territories with higher bank accounts. E-rupee vouchers have also worked to bring the benefits of welfare schemes of the government to the beneficiaries and check the misuse of government subsidies. It is also noteworthy that the number of subscribers under National Pension Scheme and Atal Pension Yojana has crossed 5.07 crores.
Under PM Kisan Samman Nidhi Yojana, Rs 6,000 per year is being given to each farmer. So far, 1.82 lakh crore rupees have been given to more than 11.27 crore farmers, improvement in crop insurance scheme, one and a half times the MSP, getting loan from the bank at cheap rate from Kisan Credit Card, agricultural exports growing rapidly, five times the agriculture budget To carry out schemes related to solar power, to reach the farm, to form ten thousand new farmer production organizations, through Kisan Rail, the agricultural products of small farmers reach remote areas of the country at low transportation cost and farmers will get good price for their produce. Crores of farmers have benefited from this.
Digitalization of Public Distribution System is getting double benefit. On the one hand, while the eligible consumers are getting their entitlement food grains on time, the misuse of public exchequer has stopped. Due to the digitization of this entire system, about 19 crore ineligible people have been left out of the public ration system. This number is about a fourth of the total 80 crore beneficiaries. It is clear that out of the subsidy of about two lakh crore rupees, food grains worth 50 thousand crore rupees were going into the wrong hands.
People associated with industry, business and service sector are also experiencing the progress of the economy. India’s stock market for the first time has been successful in making it to the list of top five countries in the whole world in terms of market capitalization. The market capitalization of the country is currently around $3.21 lakh crore. Similarly, India has the fourth largest foreign exchange reserves in the world. Crisil and Morgan Stanley, two of the world’s biggest rating agencies, have said that the country’s growth rate will be around 7.9 percent in the current financial year even amid the challenges of the Russia-Ukraine war. These projected growth rates are indicative of the rapid growth of the economy.
The economy will be strong and there will be a positive change in politics as the country’s democracy matures.
असर दिखातीं कल्याणकारी योजनाएं
देश में जनधन, आधार और मोबाइल (जैम) के कारण आम आदमी डिजिटल दुनिया से जुड़ गया है। देश में जिस तरह करीब 130 करोड़ आधार कार्ड, 118 करोड़ मोबाइल उपभोक्ता और 44 करोड़ जनधन बैंक खातों का विशाल एकीकृत बुनियादी डिजिटल ढांचा विकसित हुआ है, वह आम आदमी के आर्थिक-सामाजिक विकास का आधार बन गया है।
इस पहल ने पारदर्शिता को भी बढ़ावा दिया है। इसके कारण ही आज डीबीटी सफल हो रही है। अब तक 90 करोड़ से अधिक नागरिक इसका फायदा ले चुके हैं. राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के मुताबिक फिलहाल केंद्र सरकार के 54 मंत्रालयों द्वारा 315 योजनाएं डीबीटी के जरिये संचालित हो रही हैं। आम आदमी के जनधन खातों के कारण भारत अब वित्तीय समावेशन के मामले में जर्मनी, चीन और दक्षिण अफ्रीका से आगे है। जिन प्रांतों में जनधन खातों की संख्या अधिक है, वहां अपराध में गिरावट भी देखने को मिली है। अधिक बैंक खाते वाले प्रदेंशों में शराब और तंबाकू उत्पादों जैसे नशीले पदार्थों की खपत में महत्वपूर्ण एवं सार्थक गिरावट आई है। ई-रूपी वाउचर ने भी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक पहुंचाने और सरकारी सब्सिडी के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने का काम किया है। यह भी उल्लेखनीय है कि नेशनल पेंशन स्कीम और अटल पेंशन योजना के तहत ग्राहकों की संख्या 5.07 करोड़ के पार पहुंच गई है।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना तहत 6,000 रुपये प्रतिवर्ष प्रत्येक किसान को दिया जा रहा है। अब तक 11.27 करोड़ से अधिक किसानों को 1.82 लाख करोड़ रुपये दिए जाने, फसल बीमा योजना में सुधार, एमएसपी को डेढ़ गुना करने, किसान क्रेडिट कार्ड से सस्ते दर से बैंक से कर्ज मिलने, कृषि निर्यात तेजी से बढ़ने, कृषि बजट के पांच गुना किए जाने, सोलर पावर से जुड़ी योजनाएं खेत तक पहुंचाने, दस हजार नए किसान उत्पान संगठन बनाने, किसान रेल के माध्यम से छोटे किसानों के कृषि उत्पाद कम परिवहन लागत पर देश के दूरदराज के इलाकों तक पहुंचने तथा किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य मिलने से करोड़ों किसान लाभान्वित हुए हैं।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के डिजिटलीकरण का दोहरा फायदा मिल रहा है। एक ओर जहां पात्र उपभोक्ताओं को उनके हक का अनाज समय से प्राप्त हो रहा है, वहीं सरकारी खजाने का दुरुपयोग बंद हुआ है। इस पूरी प्रणाली को डिजिटल बनाने से करीब 19 करोड़ अपात्र लोग सार्वजनिक राशन प्रणाली से बाहर हो गए हैं। यह संख्या कुल 80 करोड़ लाभार्थियों की करीब एक चौथाई है। स्पष्ट है कि करीब दो लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी में से 50 हजार करोड़ रुपये का अनाज गलत हाथों में जा रहा था।
उद्योग-कारोबार एवं सर्विस सेक्टर से जुड़े लोग भी अर्थव्यवस्था की प्रगति का अनुभव कर रहे हैं। भारत का शेयर बाजार पहली बार बाजार पूंजीकरण के लिहाज से पूरी दुनिया के शीर्ष पांच देशों की सूची में जगह बनाने में सफल रहा है। देश का बाजार पूंजीकरण वर्तमान में करीब 3.21 लाख करोड़ डालर है। इसी तरह भारत के पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है। दुनिया की दो बड़ी रेटिंग एजेसियों क्रिसिल और मार्गन स्टेनली ने कहा है कि रूस-यूक्रेन यूद्ध की चुनौतियों के बीच भी चालू वित्त वर्ष में देश की विकास दर करीब 7.9 फीसद विकास दर रहेगी। ये अनुमानित विकास दरें अर्थव्यवस्था के तेजी से आगे बढ़ने की प्रतीक हैं।
अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और देश का लोकतंत्र परिपक्व होने के साथ राजनीति में सकारात्मक बदलाव आएगा।