U.C.Pugalia – Ply Deocors
- January 11, 2023
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South India is fulfilling the supply of Quality material
How is the market?
Market is more or less normal. There is always a little seasonal effect, such as the season of marriages, or the summer or rainy season, shortage of artisans, because of all these, sometimes there is a slight difference in demand. We just take it as normal. There is too much recession, it is not felt.
Financial condition
Yes, the hope of getting the trapped money at the time of Covid is gradually decreasing. This was a big setback in our trade. Because of which the pace of work has reduced. We have to work hard again to get it into rotation.
Generally Purchases are from?
Most of our purchases are made from factories in the South India. Here too, good competitive martial are being produced. We do not face any kind of problem. And we rarely need to look towards North India for quality material. Almost all of the big and good brands have their own outlet in the city. Because of this, we are not able to sell their goods. Yes, if a customer requires the same particular brand, then we supply it by procuring it from the company itself.
Which quality is mostly demanded?
Mostly quality goods are in demand in our shop. Most of the customers demand no compromise goods. That’s why we have very less consumption of cheaper material. Yes, it is definitely that overpricing does not work anywhere. Rates are always to be kept reasonable. Only then the customers stay with us permanently.
Do MDF distracts your sale?
We have very less demand for MDF. It seems that the customers of MDF are different from plywood. Almost all MDF manufacturers have their own outlets. That’s why even if we have a requirement or a demand from the customer, either we send it to them or we procure it from the company itself and supply it.
दक्षिण भारत से ही माल की आपूर्ति हो जाती है
बाजार कैसा है?
वैसे देखा जाए तो मार्केट नॉर्मल ही है। थोड़ा बहुत असर जो हमेशा होता है, जैसे शादी-ब्याह कम ज्यादा होने का या थोड़ी बरसात का गर्मी का, कारीगर कम ज्यादा होने का, इन सब वजह से हल्का सा फर्क कभी-कभी आ जाता है। इसको हम नॉर्मल पकड़ रहे हैं। कोई बहुत ज्यादा मंदी है, ऐसा समझ में नहीं आ रहा है।
पेमेन्ट का आवागमन
हां कोविड के समय में फंसे पैसे निकलने की उम्मीद धीरे-धीरे कम होती जा रही है। यह हमारे ट्रेड में एक बड़ा सेट बैक था। जिसकी वजह से काम की रफ्तार कम हुई है। दुबारा से मेहनत करके उसे रोटेशन में लाना पड़ रहा है।
माल कहां से मंगाते है?
हमारी अपनी खरीददारी अधिकतर साउथ की फैक्ट्रियों से ही हो जाती है। यहां पर भी मुकाबले का अच्छा माल बनने लगा है। हमें किसी किस्म की दिक्कत नहीं आती है और अच्छे माल के लिए हमें नॉर्थ इंडिया की ओर देखने की आवश्यकता भी कम ही पड़ती है। जितने भी बड़े और अच्छे ब्रांड हैं प्राय-प्राय सभी का शहर में अपना आउटलेट है। इस वजह से हम उनका माल नहीं बेच पाते हैं। हां अगर किसी ग्राहक को उसी विशेष ब्रांड की आवश्यकता होती है, तो हम उसे कंपनी से ही मंगा कर जरूर दे देते हैं।
किस क्वालिटी का माल बिकता है?
हमारी दुकानदारी में अधिकतर अच्छे क्वालिटी माल की ही डिमांड रहती है। अधिकतर ग्राहक नो कॉम्प्रोमाइज माल की मांग करते हैं। इसलिए भी सस्ते माल की खपत हमारे पास बहुत कम है। हां यह जरूर है कि ओवरप्राइसिंग कहीं पर भी नहीं चलती है। रेट हमेशा रीजनेबल ही रखने होते हैं। तभी ग्राहक हमारे पास परमानेंट टिके रहते हैं ।
MDF से कितना कम्पीटिशन है?
एमडीएफ की मांग हमारे पास बहुत कम है। ऐसा लगता है कि एमडीएफ के ग्राहक प्लाईवुड से अलग ही हैं। प्रायः सभी एमडीएफ निर्माताओं के अपने आउटलेट हैं। इसीलिए भी अगर हमें आवश्यकता होती है या ग्राहक की मांग होती है, तो या तो हम उसे वहां भेज देते हैं या फिर हम कंपनी से ही मंगवा कर आपूर्ति कर देते हैं।