India will give a befitting reply on retaliatory Tariffs
- June 14, 2023
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If European Union countries use their domestic laws to impose retaliatory tariffs on India, then India will also give a fitting reply. Recently, the World Trade Organization (WTO) made a decision against India in a case related to import duties on IT products, which has created tension between both sides.
Under the domestic laws of the European Union, it is provided that if a country believes that an appeal cannot be made due to the absence of an appellate body – the highest decision-making authority of the WTO – then it can take retaliatory action.
A senior official stated that according to India, this is a violation of the principles of the WTO as applying their own laws is not in accordance with the rules of the global trade organization. Therefore, India can impose tariffs on imported goods from the European Union as a retaliatory action, while informing the WTO about it.
The official said, “Under international law, this is not in line with the rules of the World Trade Organization. Now, it remains to be seen whether they will use their domestic laws. Since it goes against the rules of the WTO, India can also take retaliatory action.”
India believes that such retaliatory action can harm both sides. This news comes when a panel of the WTO ruled in favor of three complainant countries, including the European Union, in its decision on April 17th.
भारत जवाबी शुल्क पर देगा मुंहतोड़ जवाब
यदि यूरोपीय संघ के देश अपने कानून इस्तेमाल कर भारत पर जवाबी शुल्क लगाते हैं तो भारत भी मुहंतोड़ जवाब देगा। हाल में आईटीसी उत्पादों पर आयात शुल्क के मामले में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने भारत के खिलाफ निर्णय लिया है, जिसके बाद दोनों पक्षों में तनाव बना हुआ है।
यूरोपीय संघ के घरेलू कानून के तहत प्रावधान है कि यदि किसी देश को लगता है कि अपीलीय निकाय- WTO के सर्वोच्च निर्णायक प्राधिकारी- न होने के कारण अपील नहीं की जा सकती है तो वह जवाबी कार्रवाई कर सकता है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत के अनुसार यह WTO के सिद्धांतों का उल्लंघन है क्योंकि अपने अपने कानून को लागू करना इस वैश्विक व्यापार संस्था के नियमों के अनुरूप नहीं है। ऐसे में भारत WTO को इससे अवगत कराते हुए जवाबी कार्रवाई के तौर पर यूरोपीय संघ से आयातित वस्तुओं पर शुल्क लगा सकता है।
अधिकारी ने कहा, ‘अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत यह विश्व व्यापार संगठन के नियमों के अनुरूप नहीं है। अब देखना है कि क्या वह अपने घरेलू कानून का उपयोग करेगा। चूंकि यह WTO के नियमों के खिलाफ है, इसलिए भारत भी जवाबी कार्रवाई कर सकता है।’
भारत मानता है कि इस प्रकार की जवाबी कार्रवाई से दोनों पक्षों को नुकसान हो सकता है। यह खबर तब आई है जब WTO के एक पैनल ने 17 अप्रैल के अपने फैसले में यूरोपीय संघ सहित तीन शिकायतकर्ता देशों का पक्ष लिया।[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]