The Covid-19 pandemic appears to have given large companies a fillip, many of which have seen sharp volume, market share and margin improvement, as they fight to stay ahead of the curve.

The shift from the unorganized to organized market has been sharp over the last few months. Small players have struggled to carry on their operations through the lockdown and beyond, while large players have the bandwidth to go on. This has aided consolidation.

Cost optimization is something that most of these firms have been taken up seriously as the pandemic has forced business to get leaner. Margin improvement, in part, is the result of this relentless focus on cost efficiencies.

Organized market continuing to grow as real estate and construction activity picks up.

Most large players have reported market share gains not just in large towns, but in rural and semi-urban pockets as the impact of the pandemic has been lower in these places.

Consumer confidence is slowly making its way back as the vaccination drive revives optimism of a return to normalcy.

Expert said that branded players have an advantage in a market disrupted by the pandemic, since trust codes remain high. Category leaders are also more likely to take initiatives that will expand the market, which ensures their growth too.

Month on month, the business has been getting better as the government relaxed restrictions. In Mumbai and Maharashtra, eateries were allowed to open in October, so it has been a steady climb from there. The confidence in organized players, especially, western QSRs, remains intact. This is why there is no drop in sales from convenience channels even as dine in is staging a comeback.

There is increasing demand from resident and consumer segments. Customers have become less price-sensitive and are opting for branded products. And the import ban on Chinese components and products is hurting small players.

Large players also have a stronger risk appetite. They are willing to take the necessary bets in search of growth. This could mean expanding their distribution footprint across the country, portfolio expansion and aggressive sales and marketing.

असंगठित सिकुड़ा, संगठित बाजार बढ़ा


ऐसा लगता है कि कोविड-19 महामारी ने बड़ी कंपनियों को एक तरह से सहारा दिया है। उनमें से ज्यादातर की बिक्री मात्रा, बाजार हिस्सेदारी और मार्जिन में सुधार हुआ है क्योंकि वे प्रतिस्पर्धियों से आगे रहने के लिए मुकाबला कर रही हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक बड़ी कंपनियां और बड़ी हो रही हैं और यह एकीकरण आगे भी जारी रहने की संभावना है।

पिछले कुछ महीनों के दौरान असंगठित से संगठित बाजार का रूझान तेज रहा है। छोटे उद्यमियों को लाॅकडाउन और उसके बाद अपने परिचालन में जूझना पड़ा है, जबकि बड़े उद्यमियों के पास कारोबार को जारी रखने की क्षमता है। इससे एकीकरण बढ़ा है।’

लागत को उचित स्तर पर लाने को ज्यादातर कंपनियों ने गंभीरता से लिया है क्योंकि महामारी ने कारोबारों को आकार घटाने को बाध्य कर दिया है। लागत कुशलता पर अत्यधिक ध्यान देने से मार्जिन में सुधार आया है।

रियल एस्टेट और निर्माण गतिविधियों में तेजी आने से संगठित बाजार बढ़ता रहेगा। ज्यादातर बड़ी कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी न केवल बड़े शहरों में बल्कि ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में भी बढ़ी है क्योंकि महामारी का असर इन क्षेत्रों में कम रहा है। उपभोक्ता आत्मविश्वास धीरे-धीरे पटरी पर आ रहा है क्योंकि टीकाकरण अभियान से सामान्य स्थितियां बहाल होने की उम्मीद जगी है। विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार पर महामारी के असर से ब्रांडेड कंपनियों को फायदा मिला है क्योंकि उन पर भरोसा अधिक है। किसी भी श्रेणियों के अगुआओं के ऐसे कदम उठाने की संभावना है, जिनसे बाजार का दायरा बढ़ेगा। इससे उनकी वृद्धि भी सुनिश्चित होगी।

माह दर माह कारोबार बेहतर हो रहा है क्योंकि सरकार ने प्रतिबंधों में ढील दी है। मुंबई और महाराष्ट्र में खाने-पीने के प्रतिष्ठानों को अक्टूबर में खोलने की मंजूरी दी गई, इसलिए उसके बाद लगातार कारोबार में सुधार आ रहा है।’

आवासीय और उपभोक्ता खंडों से मांग बढ़ रही है। उपभोक्ता कीमत पर ज्यादा ध्यान नहीं देने लगे हैं और ब्रांडेंड उत्पाद खरीदने लगे हैं।