Editorial 2021

As the producers are trying to improve their finances, distributors should also help them by pouring more capital into their businesses and increasing their capacity, during these challenging times.



Every Indian is accustomed to saving for their children’s education, marriage, parents’ care, and unforeseen expenses. Nothing can shake the economy of a country, where, not only piggy banks, but cash and gold ornaments are recovered as a treasure from the cupboards for hardship times.

Remember that our country has survived the great global recession and the Covid-19 pandemic as well.

Excess production than demand and increased prices of various raw materials has made the manufacturer’s life into a nightmare. The core requirement of continuous production, not only encourages the manufacturers for development, but also gives them the strength to face the challenges coming in the way.

As a result of all these factors, the producer’s financial requirement has increased manifold over the previous years. All producers are doing their utmost to expand their capacity. The industry would have been more relieved, if, it had received the cooperation from the distributors.

Every purchaser has the fundamental right to negotiate in their own interest. But once the terms are finalized, each party should abide by them. Manufacturers should abide by the predetermined quality and the distributor on agreed payment terms.

As the producers are trying to improve their finances, distributors should also help them by pouring more capital into their businesses and increasing their capacity, during these challenging times.

Distributors will also develop automatically, with a solid manufacturer. Anyway, the producer is like a hen laying golden eggs. They will keep laying the golden eggs daily, if you collect them every day. It would probably be hard to survive for many producers in the absence of distributors’ cooperation during this difficult time. Such situations should be avoided by any means.

Our country has faced all types of never ending phases. Stay positive. We will fix every difficult chapter and come out winning with a broad smile.

Suresh Bahety
9050800888


जिस तरह से उत्पादक अपनी वित्तीय क्षमता बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, वितरक भी अपने व्यवसाय में और नई पूंजी डाल कर, अपनी क्षमता बढ़ाकर, उत्पादकों को इस कठिन समय में सार्थक मदद कर सकते हैं।



आज भी यहां हर हिंदुस्तानी को बच्चों की पढ़ाई लिखाई, शादी-ब्याह, मां-बाप की परवरिश, अकस्मात खर्चों के लिए बचत करने की आदत है। जहां गुल्लक के बाद अलमारी में, अखबार के नीचे छुपाए हुए रुपए या सोने के जेवर काम आते हों, ऐसे देश की अर्थव्यवस्था कोई नहीं हिला सकता।

याद रहे यह वह देश है, जो वैश्विक मंदी या कोरोनावायरस में भी मजबूती से डटा रहा था।

उत्पादन की अधिकता और मांग की कमी, उपर से विभिन्न कच्चे माल की कीमतों में तेजी ने, उत्पादकों की नींद हलकान कर रखी है। अनवरत उत्पादन की बाधक आवश्यकता, किसी भी उत्पादक को, जहां एक और उसे लगातार आगे बढ़ने की लिए प्रेरित करती रहती है, वही दूसरी ओर आसन्न कठिनाइयों से जूझने की शक्ति भी प्रदान करती है।

फिलहाल इन सभी पहलुओं की वजह से उत्पादक की वित्त लागत, पिछले सभी बीते हुए वर्षों के मुकाबले, कई गुना बढ़ी हुई है। अपनी ओर से, सभी उत्पादक अपनी क्षमता बढ़ाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। अगर वितरकों का सहयोग उन्हें मिल जाता, तो उद्योग को अधिक राहत मिलती।

अपने फायदे के लिए सौदेबाजी करना हर किसी का मौलिक अधिकार है। लेकिन एक बार शर्तें तय होने के बाद उसमें हर पक्ष को उन शर्तों पर कायम रहना चाहिए। उत्पादक को अपनी तयशुदा क्वालिटी पर कायम रहना चाहिए वहीं वितरक को तयशुदा निर्धारित समय पर भुगतान करना चाहिए।

जिस तरह से उत्पादक अपनी वित्तीय क्षमता बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, वितरक भी अपने व्यवसाय में और नई पूंजी डाल कर, अपनी क्षमता बढ़ाकर, उत्पादकों को इस कठिन समय में सार्थक मदद कर सकते हैं।

उत्पादक मजबूत रहेंगे तो बिक्रेताओं का भी विकास होगा। वैसे भी उत्पादक तो सोने के अंडे देने वाली मुर्गी के समान है। अगर उनसे रोज अंडे लेते रहेंगे, तो वह रोज देते रहेंगे।

लेकिन इस मुश्किल घड़ी में उन्हें वितरकों का सहयोग नहीं मिला, तो शायद कईयों का जीना मुश्किल हो जाएगा। ऐसी परिस्थिति से बचा जाना चाहिए।

देश में हर तरह के दौर आते हैं और आते रहेंगे। सकारात्मक बने रहिए और देखिए कैसे हम हर मुश्किल दौर को मुस्कुराने पर विवश कर देंगे।

सुरेश बाहेती
9050800888