Shakti kant das

Find other ways to finance infra, RBI GOV


Reserve Bank of India (RBI) Governor Shaktikanta Das asked India Inc to look beyond banks to fund infrastructure projects, saying the bad debt overhang had made them risk-averse and quite limited in what kind of exposure they would want to take on their books.

Das was interacting with industry captains at a meeting of the Confederation of Indian Industry (CII) governing council.

While highlighting the progress achieved in the infrastructure space in the past five years, he said gaps remained there and that the funding of $4.5 trillion by 2030 — as estimated by the NITI Aayog —could not be done by banks alone.

“On financing options for infrastructure, we are just recovering from the consequences of excessive exposure of banks to infrastructure projects. Non-performing assets (NPAs) relating to infrastructure lending by banks have remained at elevated levels. There is clearly a need for diversifying financing options,” he said.


रकम के दूसरे विकल्प तलाशे उद्योग: दास


भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि उद्योग को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए रकम का इंतजाम करते समय बैंकों के अलावा दूसरे माध्यम भी तलाशने चाहिए क्योंकि कर्ज फंसने के कारण बैंक और जोखिम नहीं लेना चाहते। दास ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की संचालन परिषद की बैठक में उद्योग प्रमुखों से बातचीत के दौरान पिछले पांच साल में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में हुई प्रगति का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नीति आयोग के अनुमान के मुताबिक 2030 तक 4.5 लाख करोड़ डॉलर की जरूरत पड़ेगी, जिसका इंतजाम केवल बैंकों से नहीं हो सकता।

दास ने कहा, ‘बुनियादी परियोजनाओं को जरूरत से ज्यादा कर्ज देने के खमियाजे से बैंक अभी उबर ही रहे हैं। बुनियादी ढांचा क्षेत्र को दिए गए कर्ज में बैंकों का एनपीए अच्छा खासा हो चुका है। इसीलिए रकम जुटाने के दूसरे विकल्प भी तलाशे जाना जरूरी हो गया है।’