Importers found evading Rs. 11k cr IGST
- July 12, 2023
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The Directorate General of GST Intelligence (DGGI) and Directorate of Revenue Intelligence (DRI) have detected alleged Integrated GST evasion to the tune of 11,000 crore by 24 large importers.
They have served notices to seven importers from Mumbai, Kolkata and Chennai jurisdiction and are in the process of sending notices to many more.
The tax evasion in these cases has been detected based on data generated by the advanced Analytics in Indirect Taxation (ADVIT).
The government is now looking to further strengthen it to capture newer sets of information about importers and exporters.
While there were many instances of wrongly availing input tax credits, notices were being sent only in cases where data independently verified and investigated by field formations.
The changes introduced include a comparison report between tax paid and tax payable populated in the GSTR-9 filed by taxpayers under the selected jurisdiction.
Officials can now get visibility on place of supply, amount of tax, ledger utilize, all at one place giving them a holistic view of payments made by taxpayers under the Know Your Taxpayer dashboard.
The new functionalities are intended to enable a deeper and richer analysis of revenue and of trends in both import and export. The functionalities make use of advanced data science models to detect outliers and anomalies both on the Customs as well on the GST side.
These functionalities will go a long way towards better understanding of our revenue profile and help plug any potential leakages.
आयातकों द्वारा 11, 000 करोड़ रूपये की आईजीएसटी चोरी
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) और राजस्व ख़ुफिया महानिदेशालय (डीआरआई) ने 24 बड़े आयातकर्ताओं द्वारा कुल 11,000 करोड़ रुपये के कथित आयातित आईजीएसटी चोरी का पता लगाया है।
वे मुंबई, कोलकाता और चेन्नई क्षेत्र से सात आयातकर्ताओं को नोटिस भेज चुके हैं और अब और भी कई आयातकर्ताओं को नोटिस भेजने की प्रक्रिया में हैं।
इन मामलों में कर चोरी का खुलासा अप्रत्यक्ष टैक्सेशन (ADVIT) द्वारा उत्पन्न डेटा पर आधारित एडवान्स एनालीटीक से संभव हुआ है।
सरकार अब इसे और मजबूत करने की कोशिश कर रही है ताकि आयातकों और निर्यातकों के बारे में नई तरह की जानकारी को पकड़ सकें।
क्षेत्रिय परमार्श टीम द्वारा स्वतंत्रतापूर्वक सत्यापित और जांची जा चुकी हैं, केवल वहां नोटिस भेजे जा रहे हैं, हालांकि इन्पुट टैक्स के गलत इस्तेमाल के कई मामले सामने आए हैं।
चयनित क्षेत्र में करदाताओं द्वारा भरे गए जीएसटीआर.-9 में कर देयता और जमा कर के तुलानात्मक अध्ययन के बाद ये बदलाव किए गए।
अधिकारियों को अब परिवहन का स्थान कर की राशि, लेजर का उपयोग, सभी की एक जगह देख पाने की क्षमता है जो उन्हे नागरिक डैशबोर्ड के तहत करदाताओं द्वारा किए गए भुगतानों के संपूर्ण दृश्य को प्रदान करती है।
नई क्षमताएं, आयात और निर्यात में राजस्व प्राप्ति और रूझान की गहरी और वृहत समीक्षा के लिए उद्वीष्ट हैं। ये क्षमताएं कस्टम के साथ साथ जीएसटी में बाहरी कारक और विसंगतियों की पहचान करने के लिए उन्नत डेटा विज्ञान मॉडल का उपयोग करती हैं।
ये क्षमताएं हमारी राजस्व प्रोफाइल को बेहतर ढंग से समझने और किसी भी संभावित लीकेज को रोकने में बहुत आगे जाएगी।