Mohammed Shawaz - Expertise Industries

It is now difficult to foresee demand
in the plywood industry



The problem between quality and rate is that people want better quality, but are not willing to pay for it.


Current market conditions

Currently, there has been a kind of uncertainty in plywood market. The demand increases suddenly. Again it decreases suddenly. Such situation is not a good sign for business. Although we are trying to keep pace with it, by doing short term planning. The strategy and working plan needs to be changed according to the situation. Well, this is also a kind of lesson. It is giving us an opportunity to learn a lot.


How do you see the ups and downs in prices and quality?

The problem between quality and rate is that people want better quality, but are not willing to pay for it. Problem arises when we go for quality it raises the cost of production. The customer is not willing to pay for it. If we compromise on quality then the customer is not satisfied by the product. This is a major mind boggling. This is getting a bit difficult to deal with. Because the customer has to be convinced that something extra has to be spent for good quality. Awareness is necessary for this. Until people are not aware, it is not going easy to deal with this kind of problem.


What is the payment status?

Now payment is getting regular slowly. After Covid, business is being shifted in cash. That’s why the (new) credits are not a major issue now. Goods are being purchased and sold mostly in cash. This is a good scenario for plywood trade. Because we were accustomed to long term credits in the trade. Which resulted in cash crunch every time. The working may be poor a bit now, but it’s transformation in cash is a plus point to a large extent.


Raw material situation

Now the scarcity of raw material has reduced a little. As the campaign for planting saplings Agro Forestry was carried out for a long time, its pleasant results are coming out. Hopefully the raw material will be available in plenty in the coming days. This can improve the situation in future. However, there is still continuous efforts needed to make farmers more interested about plantation. Because extensive and regular discussion on the subject will lead to better understanding between formers and industrialist for a better future.


Ply Insight is working a good job in this direction. Plantation campaign which was carried out in association with Subhash Jolly, had inspired industrialists and farmers to understand and formulate their policies afresh.



प्लाइवुड इंडस्ट्री में अब मांग का पूर्वानुमान
लगाना मुश्किल हो गया है



क्वालिटी और रेट में दिक्कत यह है कि लोग क्वालिटी तो चाहते हैं, लेकिन इसके लिए रेट देना नहीं चाह रहे हैं।


बाजार की मौजूदा स्थिति

मौजूदा परिवेश में प्लाईवुड बाजार में एक तरह की अनिश्चितता सी आ गई है। अचानक मांग बढ़ जाती है। अचानक ही कम हो जाती है। इस स्थिति को व्यापार के लिए सही नहीं माना जा सकता।इससे तालमेल बिठाने की कोशिश कर रहे हैं। शार्ट टर्म प्लानिंग करनी पड़ रही है। ऐसे में वक्त के अनुसार ही रणनीति और काम के तरीके में बदलाव करना पड़ रहा है। ठीक है, यह भी एक तरह की सीख है। इससे भी बहुत कुछ सीखने का मौका मिल रहा है।


रेट और क्वालिटी के उतार चढ़ाव को आप किस नजरिये से देखते हैं, ?

क्वालिटी और रेट में दिक्कत यह है कि लोग क्वालिटी तो चाहते हैं, लेकिन इसके लिए रेट देना नहीं चाह रहे हैं। अब समस्या यह है कि यदि हम क्वालिटी पर जाते हैं तो उत्पादन लागत बढ़ जाती है। ग्राहक इसका भुगतान करने के लिए तैयार नहीं है। क्वालिटी से समझौता करते हैं तो ग्राहक को उत्पाद पसंद नहीं आ रहा है। यह बड़ी समस्या आ रही है। जिससे निपटना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। क्योंकि ग्राहक को समझाना होगा कि उच्च गुणवत्ता के लिए कुछ अतिरिक्त तो खर्च करना ही होगा। इसके लिए जागरूकता जरूरी है। क्योंकि जब तक लोग जागरूक नहीं होंगे तब तक इस तरह की समस्या से निपटना आसान नहीं है।


पेमेंट की क्या स्थिति है?

पेमेंट अब धीरे-धीरे नियमित हो रही है। कोविड के बाद अब व्यापार नकद में ही ज्यादा हो रहा है। इसलिए नयी उधारी की दिक्कत अब नहीं आ रही है। कैश में ही माल लिया और दिया जा रहा है। यह प्लाईवुड के लिए अच्छी बात है। क्योंकि पहले लंबी उधारी होती थी। इसलिए नगदी की समस्या बनी रहती थी। अब काम भले ही थोड़ा कम है, लेकिन नकद में हो रहा है,जो काफी हद तक सुखद स्थिती है।


कच्चे माल की स्थिति

अब कच्चे माल की समस्या पहले से कम हुई है। लंबे समय से जिस तरह से पौधा रोपण के लिए अभियान चलाया गया,इसके सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं। आशा करनी चाहिए कि आने वाले दिनों में कच्चा माल और ज्यादा मात्रा में उपलब्ध होगा। इससे भी स्थिति में सुधार आ सकता है। हालांकि पौधा रोपण के प्रति अभी भी किसानों को जागरूक करने की आवश्यकता है। क्योंकि इस पर जितनी अधिक चर्चा होगी, किसान और उद्योग एक दूसरे की जरूरत को उतना ज्यादा समझेंगे, जिसके भविष्य में बेहतर परिणाम सामने आ सकते हैं।

प्लाई इनसाइट इस दिशा में बेहतर काम कर रहा है। सुभाष जोली के साथ मिल कर जिस तरह से पौधारोपण पर अभियान चलाया गया, इसने उद्योगपतियों और किसानों को नये सिरे से अपनी नीतियां समझने और बनाने के लिए प्रेरित किया है।

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