New Trees Planted on Private Land won’t Require Permission
- January 17, 2021
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In the midst of the ongoing farmers’ movement in Delhi, Shivraj Govt in Madhya Pradesh has taken a big decision in the interest of farmers. Now farmers will not need permission to cut new trees planted on their private land. Chief Minister Shivraj Singh Chauhan said that under the proposed Plantation Promotion Act 2020, farmers and others will be allowed to cut new trees planted on their fields / private lands without permission and they can plant saplings of all species on their land. For transportation of wood obtained from trees, TP will be exempted except in certain cases.
The Chief Minister said that at present, there are 7 laws to get permission to cut trees, due to which farmers etc. face a lot of difficulty in allowing trees to be cut. Permission to cut trees is given by the Tehsildar on the recommendation of the Forest Department, where the timber tip is given by the Forest Department.
Important provisions in the proposed Plantation Act 2020
- Open relaxation of planting of all species for planting on private lands.
- Cultivated trees can be cut at any age, without any permission.
- Can set up his own house in his farm / village, from where he can sell wood etc.
- Exemption has been given on transportation of timber from farm to tall.
- A conditional facility to set up a timber processing unit at Tall.
- Exemption for cutting and avoiding specified forest produce.
- Exemption for sale of specified forest produce through government e-portal from the field or avail itself and accepting the bid itself and taking direct payment.
- Exemption from TP except for certain cases for transportation of wood received from trees.
- All types of transport permits will be received by farmers in an electronic way.
बिना अनुमति काट सकेंगे निजी जमीन पर लगाए गए नए पेड़
दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के बीच शिवराज सरकर ने किसानों के हित में बड़ा फैसला किया है। अब किसानों को अपनी निजी भूमि पर लगाए गए नए पेड़ काटने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं पड़ेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कहा कि प्रस्तावित वृक्षारोपण प्रोत्साहन अधिनियम 2020 के अंतगर्त किसानों एवं अन्य को उनके खेतों/निजी भूमियों पर लगाए गए नए पेड़ों को बिना अनुमति काटने की छूट होगी और वे अपनी जमीन पर सभी प्रजातियों के पौधे लगा सकेंगे। पेड़ों से प्राप्त काष्ठ के परिवहन के लिए कुछ मामलों को छोड़कर टीपी से छूट दी जाएगी।
पेड़ काटने की अनुमति के लिए अभी 7 कानून
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में पेड़ काटने की अनुमति लेने के लिए 7 कानून है, जिनके चलते पेड़ काटने की अनुमति में किसानों आदि को बहुत दिक्कत आती है। पेड़ काटने की अनुमति तहसीलदार द्वारा वन विभाग की अनुशंसा पर दी जाती है, वहां इमारती लकड़ी की टीपी वन विभाग द्वारा दी जाती है।
प्रस्तावित वृक्षारोपण अधिनियम 2020 में महत्वपूर्ण प्रावधान
- निजी भूमियों पर पौधारोपण के लिए सभी प्रजातियों के रोपण की खुली छूट।
- उगाए गए वृक्षों को किसी भी उम्र में, बगैर किसी अनुमति के काट सकेगा।
- अपने खेत/गांव में खुद का टाल स्थापित कर सकेगा, जहां से काष्ठ की बिक्री इत्यादि कर सकेगा।
- खेत से टाल तक इमारती काष्ठ के परिवहन पर छूट दी गई है।
- टाल में इमारती काष्ठ की प्रसंस्करण इकाई स्थापित कर सकने की सशर्त सुविधा।
- विनिर्दिष्ट वनोपज को भी काटने व टाल तक लाने की छूट।
- विनिर्दिष्ट वनोपज की शासकीय ई-पोर्टल के माध्यम से खेत अथवा टाल से ही बिक्री करने व स्वयं बोली स्वीकार करने और सीधे भुगतान लेने की छूट।
- वृक्षों से प्राप्त काष्ठ के परिवहन के लिए कुछ मामलों को छोड़कर टीपी से छूट।
- सभी प्रकार के परिवहन अनुज्ञा पत्र कृषकों को इलेक्ट्राॅनिक तरीके से प्राप्त होंगे।