RBI intervention stopped Rupee on crossing 80
- July 16, 2022
- 0
The rupee came within touching distance of the 80 per dollar-mark but managed to recover ground and settle flat versus the greenback because of corporate inflows and likely interventions by the Reserve Bank of India (RBI).
“There was support for the rupee today because there were decent dollar sales on account of some large corporate flows. The RBI, too, was intervening at the 79.90/$1 mark, which is why we didn’t see 80/$1 happening today itself,” said a currency trader at a state-owned bank.
The rupee marked a new closing low on every trading day this week as fears of a 100-basis-point rate hike by the Federal Reserve and the consequent strengthening of the dollar index eroded appetite for emerging market currencies.
With the Federal Reserve poised to hike rates by 100 basis points at its meeting towards the end of July, traders see the rupee weakening past the 80-mark next week.
If the US Federal Reserve tightens aggressively, it will have an impact on the rupee. ‘The effect will also depend on how weak the rupee is and for how long it remains stable on it. The sharp declines that preceded it tell us that the rupee has been diving against the dollar for a long period of time and has corrected when the risks have eased.
Due to higher inflation, the US Federal Reserve may increase policy rates by 100 basis points and this will increase the fear of recession.
RBI ने रुपये को 80 के पार जाने से रोका
डॉलर के मुकाबले रुपया 80 के आसपास आ गया था, लेकिन यह सुधरने में कामयाब रहा. इसका कारण कंपनियों का प्रवाह और भारतीय रिज़र्व का संभावित हस्तक्षेप रहा.
एक सरकारी बैंक के करेंसी डीलर ने कहा, रुपये को आज सहारा मिला क्योंकि डॉलर की खासी बिकवाली हुई. आरबीआई ने भी 79.90 प्रति डॉलर पर हस्तक्षेप किया और इसी वजह से हमने डॉलर के मुकाबले रूपये को 80 के स्तर पर जाते नहीं देखा.
रुपया हफ्ते के हर कारोबारी सत्र में नया निचला स्तर बनाता रहा क्योंकि फ़ेडरल रिज़र्व की तरफ से ब्याज में 100 आधार अंको की बढ़ोतरी और अमेरिकी डॉलर इंडेक्स की मजबूती का डर था, जिसने उभरते बाजारों की मुद्राओं के लिए स्वाभाविक इच्छा को खत्म कर दिया.
चूंकि फ़ेडरल रिज़र्व जुलाई के आखिर में होने वाली बैठक में ब्याज दर 100 आधार अंक बढ़ा सकता है, ऐसे में ट्रेडर अगले हफ्ते डॉलर के मुकाबले रूपये को कमजोर होकर 80 पर जाता देख रहे हैं.
अगर अमेरिकी फ़ेडरल रिज़र्व आक्रमक रूप से सख्ती करता है तो इसका असर रूपये पर पड़ेगा। ‘असर इस पर भी निर्भर होगा की रुपया कितना कमजोर होता है और कितने समय तक उस पर स्थिर रहता है. इसके पहले हुई तेज गिरावटों से हमें पता चलता है कि लंबे समय तक डॉलर के मुकाबले रुपया गोते लगाता रहा है और इसमें सुधार तब हुआ जब जोखिम कम हो गया’.
महंगाई दर ज्यादा होने की वजह से अमेरिकी फ़ेडरल रिज़र्व नीतिगत दरों में 100 आधार अंक की बढ़ोतरी कर सकता है और इससे मंदी का डर बढ़ेगा।