On May 31, 2023, a delegation led by Honorable Shri Kanwar Pal, Education Minister of Haryana, met with Honorable Shri Mansukh Mandaviya, Union Minister of chemicals and Fertilizers, Government of India, in his office in New Delhi. The delegation included Honorable Shri Nayab Saini, Member of Parliament from Kurukshetra, and Honorable Shri GhanShyam Das, MLA from Yamunanagar, along with Mr. J.K. Bihani, President of Haryana Plywood Manufacturers Association, Senior Vice President Shri Satish Chaupal, Senior Executive Members Shri Ajay Manikatala, Shri Shiv Kumar Kamboj, and Shri Satish Saini.

This meeting was arranged by the efforts of Honorable Chief Minister Shri Manohar Lal, with the aim of addressing the issues related to availability of technical-grade urea and its credibility in the plywood industry.

A request was made to Honorable Union Minister Shri Mansukh Mandaviya to provide a part of technical-grade urea to small industries at subsidized prices, so that the plywood industry can get relief from the current exorbitant cost of resin.

It was also brought to the attention of the Union Minister that cheaper plywood is being imported from Nepal to India, and the resin used in its production is also from illegally sourced Subsidized Agri Urea from India.

It was further requested that the import of certain sub-standard urea, which has a nitrogen content of less than 46 percent, be allowed to import as it can be relatively cheaper. This is because high-quality urea is not necessary in the manufacturing of resin for the plywood industry.

While expressing his inability to provide subsidized urea below market prices, the Honorable Union Minister stated that this is within the jurisdiction of the Cabinet, and he alone cannot do anything about it. However, he assured that he would bring this matter to the attention of the Honorable Prime Minister.

Nevertheless, he assured that if any sub-standard or low nitrogen percentage urea can be used in our industry, and if its import is prohibited, he will definitely grant permission for its import, and it can be imported through the government procurement agency.

The Minister stated that the government is against the non-agricultural use of subsidized urea, but is always ready to find solutions to the problems faced by the industry. He also assured that if any plywood is imported cheaply, he will also recommend anti-dumping duty on it.



यूरिया में सब्सिडी देने का आग्रह


31 मई 2023 को माननीय श्री कंवर पाल, शिक्षा मंत्री, हरियाणा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल माननीय श्री मनसुख एल मंडाविया, केंद्रीय मंत्री रासायन एंव उर्वरक भारत सरकार से नई दिल्ली में उनके ऑफिस में मिला। इस प्रतिनिधि मंडल में माननीय श्री नायब सैनी जी लोकसभा सदस्य कुरुक्षेत्र, एवं माननीय श्री घनश्याम दास विधायक यमुनानगर तथा हरियाणा प्लाइवुड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रधान जे के बिहानी वरिष्ठ उप प्रधान श्री सतीश चैपाल, सीनियर एग्जीक्यूटिव मेंबर्स श्री अजय मानिकतला श्री शिव कुमार कंबोज एवं श्री सतीश सैनी शामिल थे।

यह मीटिंग माननीय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के प्रयास द्वारा तय की गई थी जिसका उद्देश्य प्लाईवुड उद्योग में टेक्निकल ग्रेड यूरिया की उपलब्धता के संबंध में आ रही दिक्कतों एवं उसकी विश्वसनीयता के बारे में था।

माननीय केंद्रीय मंत्री श्री मनसुख एल मंडाविया से यह निवेदन किया गया कि छोटे उद्योगों को कुछ टेक्निकल ग्रेड यूरिया बाजार से सब्सिडी भाव पर उपलब्ध करवाया जाए, ताकि प्लाईवुड उद्योग को वर्तमान में रेजिन की बेतहाशा बढ़ी हुई लागत से राहत मिल सके।

माननीय केंद्रीय मंत्री जी के संज्ञान में यह भी लाया गया कि नेपाल से बहुत सस्ती प्लाईवुड भारत में आ रही है और जिस रेजिन से वह बनती है वह भी भारत से अनाधिकृत रूप से जा रही कृषि यूरिया से ही तैयार हो रहा है।

यह भी निवेदन किया गया कि एक सब-स्टैंडर्ड यूरिया जिस में नाइट्रोजन का प्रतिशत 46 से कम हो, का भी आयात किया जा सकता है, जो कि काफी सस्ता पड़ सकता है, जिसकी आयात की अनुमति दी जाए। क्योंकि प्लाईवुड के लिए उपयुक्त रेजिन में बहुत उच्च क्वालिटी के यूरिया की आवश्यकता नहीं है।

माननीय केंद्रीय मंत्री ने बाजार भाव से कम पर सब्सिडाइज यूरिया उपलब्ध करवाने में अपनी असमर्थता व्यक्त करते हुए कहा कि यह तो कैबिनेट के अधिकार का क्षेत्र है और वह अकेले इसमें कुछ नहीं कर सकते। हालांकि उन्होंने कहा कि वो इस बात को माननीय प्रधान मंत्री जी के संज्ञान में लायेंगे।

हालांकि उन्होंने इस बात का आश्वासन दिया कि अगर कोई सब स्टैंडर्ड अथवा कम नाइट्रोजन प्रतिशत वाला यूरिया हमारे उद्योग में चल सकता है और यदि उसका आयात निषेध है तो उसके आयात की अनुमति वह जरूर दे देंगे और वह सरकारी खरीद एजेंसी के मार्फत ही इंपोर्ट किया जा सकेगा।

मंत्री जी ने कहा कि सरकार कृषि से संबंधित यूरिया का गैर कृषि कार्य में उपयोग के विरुद्ध है। लेकिन उद्योग में आ रही समस्याओं के समाधान के लिए हमेशा तैयार है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अगर कोई सस्ती प्लाईवुड इंपोर्ट हो रही है तो उस पर एंटी डंपिंग ड्यूटी के लिए भी वह सिफारिश करेंगे।

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