Realty firm Supertech Ltd (Supertech) said it will file a review petition against the Supreme Court order to demolish the company’s 40-storey twin towers in Noida. On August 31, the Supreme Court has ordered the demolition of Supertech’s Twin Towers within three months for violating the building rules.

The Supreme Court said in its order that residents of Twin Towers should be paid back the amount with 12 percent interest from the period of booking till now. The Supreme Court said that Supertech will have to pay Rs 2 crore to the Residents Welfare Association for the inconvenience caused due to the construction of the Twin Towers.

A bench of Justices DY Chandrachud and MR Shah held that there was no need to change the verdict of Allahabad High Court dated April 11, 2014, which had directed the demolition of the Twin Towers. The order said that Supertech has 915 flats and shops in its 40-storey Twin Towers which have been constructed in connivance with the Noida Authority and the High Court has given the right verdict.

The bench said that the demolition work of the twin towers would have to be completed within three months under the supervision of the Noida Authority and an expert committee. The Supreme Court has also said that the entire cost of this work will have to be borne by Supertech Limited. The bench said that recently it has been observed that illegal construction is being done in connivance with the planning authority in the metropolitan area, on which strict action is required. Noida headquartered Supertech has developed several real estate projects in Delhi-NCR.


Supertech करेगी ट्वीन टॉवर्स को बचाने की एक और कोशिश

रियल्‍टी फर्म सुपरटेक लिमिटेड  (Supertech) ने कहा है कि वह नोएडा में कंपनी के 40 मंजिला ट्वीन टॉवर्स को गिराने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ रिव्‍यू पिटीशन दायर करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डिंग नियमों का उल्‍लंघन करने के आरोप में सुपरटेक के ट्वीन टॉवर्स को तीन महीने के भीतर गिराने का आदेश 31 अगस्त को ही सुनाया है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ट्वीन टॉवर्स में घर खरीदारों को बुकिंग के समय से लेकर अबतक की अवधि के लिए 12 प्रतिशत ब्‍याज के साथ धनराशि लौटानी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्वीन टॉवर्स के निर्माण की वजह से हुई परेशानी के लिए  रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन को 2 करोड़ रुपये का भुगतान सुपरटेक को करना होगा।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की बेंच ने कहा कि 11 अप्रैल, 2014 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश, जिसमें ट्वीन टॉवर्स को गिराने का निर्देश दिया गया था, को बदलने की कोई आवश्‍यकता नहीं है। आदेश में कहा गया है कि सुपरटेक के 40 मंजिला ट्वीन टॉवर्स में 915 फ्लैट्स और दुकानें हैं जिनका निर्माण नोएडा अथॉरिटी के साथ सांठगांठ कर किया गया है और हाई कोर्ट ने एकदम सही फैसला सुनाया है।

बेंच ने कहा कि ट्वीन टॉवर्स को गिराने का काम तीन महीने के भीतर नोएडा अथॉरिटी और एक एक्‍सपर्ट कमेटी की निगरानी में पूरा करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस काम पर होने वाला पूरा खर्च सुपरटेक लिमिटेड को वहन करना होगा। बेंच ने कहा कि हाल ही में यह देखा गया है कि मेट्रोपोलिटन एरिया में प्‍लानिंग अथॉरिटी के साथ सांठगांठ कर अवैध निर्माण किया जा रहा है जिस पर कठोर कार्रवाई करने की आवश्‍यकता है। नोएडा मुख्‍यालय वाली सुपरटेक ने दिल्‍ली-एनसीआर में कई रियल एस्‍टेट परियोजनाओं को विकसित किया है।


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