WTO optimistic on global trade growth
- May 21, 2023
- 0
The World Trade Organisation (WTO) said that the global merchandise trade volume is expected to grow 1.7 per cent in 2023 as compared to an earlier estimate of 1 per cent in October. However, this was lower than the 2.7 per cent growth in 2022.
The global trade body cautioned that the expected to be ”subpar”, due to multiple factors, including the ongoing Russia-Ukraine conflict, stubbornly high inflation rate, and tighter monetary policy and financial uncertainty. With this, the trade growth is below the 12-year average of 2.6 per cent since the trade collapse that followed the global financial crisis in 2008.
An upward revision in the 2023 growth forecast is mainly due to relaxation of Covid-19 pandemic controls in China, which is expected to ”unleash pent-up consumer demand” in the country. This, in turn, is expected to boost international trade, according to the WTO.
“Interest rate hikes in advanced economies have also revealed weaknesses in banking systems that could lead to wider financial instability if left unchecked. Governments and regulators need to be alert to these and other financial risks in the coming months,” according to WTO Chief Economist.
On the brighter side, trade growth is expected to rebound to 3.2 per cent in 2024. The estimate, however, is uncertain as a lot will be dependent on how the conflict between Russia and Ukraine pans out.
Some of the risks include rising geopolitical tensions, global food insecurity, the possibility of unforeseen fallouts from monetary tightening, risks to financial stability and increasing levels of debt.
As far as India is concerned, it’s share is 1.8 per cent in global merchandise trade puts it at 18th position. In the 2022-23 financial year, India is expected to witness nearly 6 per cent YoY growth in merchandise trade at $447 billion. In case of imports, the share is 2.8 per cent, with a ninth rank.
In the case of the world’s leading exporters and importers of commercial services–transport, travel, commercial services, computer services, among others–India’s share was 4.4 per cent in exports and 4 per cent in imports.
वैश्विक व्यापार वृद्धि पर WTO आशान्वित
विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने कहा है कि वैश्विक वाणिज्यिक कारोबार 2023 में 1.7 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। डब्ल्यूटीओ ने अक्टूबर में 1 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था। हालांकि यह वृद्धि दर भी 2022 की 2.7 प्रतिशत वृद्धि दर की तुलना में कम है।
विश्व व्यापार निकाय ने कहा है कि कई वजहों से वृद्धि दर औसत से कम रहने की उम्मीद है। इन वजहों में रूस-यूक्रेन के बीच टकराव, उच्च महंगाई दर, सख्त मौद्रिक नीति और वित्तीय अनिश्चितता शामिल है। इसके साथ ही 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के कारण व्यापार ठप पड़ने के बाद व्यापार में वृद्धि की दर 12 साल के औसत 2.6 प्रतिशत से नीचे रहेगी।
2023 की वृद्धि के अनुमान में बढ़ोतरी मुख्य रूप से चीन में कोविड-19 महामारी के प्रतिबंधों में ढील दिए जाने की वजह से है, जिससे वहां उपभोक्ताओं की मांग में तेजी आने की संभावना है। डब्ल्यूटीओ के मुताबिक इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। डब्ल्यूटीओ के मुख्य अर्थशास्त्री के अनुसार, ‘विकसित देशों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की वजह से बैंकिंग व्यवस्था में कमजोरी आएगी और अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो इसकी वजह से व्यापर वित्तीय अस्थिरता आ सकती है। सरकारों व नियामकों को इसे व अन्य वित्तीय जोखिमों को लेकर आने वाले महीनों में सावधान रहना होगा।’
बेहतर पहलू यह है कि 2024 में व्यापार में वृद्धि 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। बहरहाल यह अनुमान अनिश्चित है और इस पर निर्भर करता है कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा टकराव कौन सा मोड़ लेता है। कुछ जोखिमों में बढ़ता भू राजनीतिक तनाव, वैश्विक खाद्य असुरक्षा, मौद्रिक सख्ती के कारण अप्रत्याशित गिरावट की संभावना, वित्तीय स्थिरता को जोखिम और कर्ज का बढ़ता स्तर शामिल है।
जहां तक भारत का सवाल है, वाणिज्यिक वस्तुओं के वैश्विक कारोबार में इसकी हिस्सेदारी 1.8 प्रतिशत है और यह 18वें स्थान पर है। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत 6 प्रतिशत सालाना वृद्धि की उम्मीद कर रहा है और कुल 447 अरब डॉलर के वस्तुओं के कारोबार का अनुमान लगाया जा रहा है। आयात की स्थिति देखें तो भारत की वैश्विक हिस्सेदारी 2.8 प्रतिशत है और यह नवें स्थान पर है।