अब उर्वरक सब्सिडी सिधे किसानों के बैंकों में

प्रत्येक वर्ष 5,000 रूपये उर्वरक सब्सिडी की सिफारिश


कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने किसानों को हरेक साल 5,000 रूपये की नकद उर्वरक सब्सिडी देने की सिफारिश की है। सीएसीपी कृषि फसलों की कीमत निर्धारण करने वाली प्रमुख समिति है। समिति ने यह सब्सिडी किसानों को 2,500 रूपये की दो किस्तों में खरीफ और रबी सत्रों भेजने का सुझाव दिया है। अगर सरकार ने यह प्रस्ताव मान लिया तो उर्वरक उत्पादक कंपनियों को सब्सिडी अंतरित करने का चलन समाप्त हो जाएगा और बाजार में सब्सिडी रहित मुल्यों पर ही उर्वरक मिला करेगी ।

उर्वरकों के मामले में सब्सिडी कंपनियों के माध्यम से दी जाती है। इस प्रक्रिया में कंपनियों को सस्ती दरों पर उर्वरक मुहैया कराती हैं और उनके बिल का भुगतान सरकार की ओर से किया जाता है। कुछ कृषि पहले सरकार ने उर्वरक कंपनियों को सब्सिडी के बिंदू में बदलाव किया था। उन्हें सब्सिडी का भुगतान किसानों को प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन से उर्वरकों की बिक्री करने और बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद किया जाता है। इससे पहले उन्हें सब्सिडी जिला स्तर पर उर्वरक प्राप्त करने के बाद किया जाता था। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ आयोग सिफारिश करता है कि करीब 5,000 रुपये की सालाना सब्सिडी दो किस्तों में सभी किसानों को भेजी जानी चाहिए। 2,500 रुपये और 2,500 रुपये की दो किस्तें खरीफ और रबी सीजन के आरंभी दी जानी चाहिए।’ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत देश में सालाना 6ए000 रुपये तीन किस्तों में प्रत्येक चार महीने पर करीब 9 करोड़ पंजीकृत किसानों को भेजी जाती है।