48000 per year subsidy to Industries for local Youths.
- दिसम्बर 18, 2021
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Haryana Deputy Chief Minister Dushyant Chautala said that the State Government has decided that in order to attract more and more industries in the State, they should be called ‘Haryana Enterprises and Employment Policy-2020’ (HEEP). Electricity fee exemption will be given for 20 years, earlier this exemption was applicable only for 10 years.
Apart from this, 48 thousand per employee will be given per year subsidy to those industries which will give employment to the people of Haryana in their industry, this subsidy will continue for 7 years.
He said that in lieu of ‘State Goods and Service Tax’, steps have been taken to give special benefits to the investors by giving 100% investment-subsidy for a maximum period of 10 years. It is also planned to give special exemption in this policy for the industries set up for the management of paddy straw and other crop residues so that the state can become self-reliant in the field of electricity, while the country and the state will be freed from pollution. The draft of HEEP has been finalized; it will be implemented in the state soon.
The Deputy CM, who also holds the charge of Industries & Commerce and Labor & Employment Department told, presiding over the meeting of officers related to ‘Haryana Enterprises and Employment Policy-2020’.
Dushyant Chautala said that in the ‘Haryana Enterprises and Employment Policy-2020’ prepared by the Department of Industries and Commerce, where suggestions have been taken from 151 industrial associations of the country, Gujarat, Maharashtra, Andhra Pradesh, Uttar Pradesh, including Telangana, Punjab and Rajasthan The industrial policies of other states have also been studied so that the policy made for Haryana can be made the best. The draft policy was uploaded in the public domain for about a month so that the stakeholders could study it and give their suggestions.
उद्योगो को प्रादेशिक कर्मचारियों के लिए 48000 प्रति वर्ष की सब्सीडी
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Deputy Chief Minister Dushyant Chautala) ने बताया कि प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य में अधिक से अधिक उद्योगों (Industries) को आकर्षित करने के लिए उनको ‘हरियाणा इंटरप्राइजिज एंड एंपलॉयमैंट पोलिसी-2020’ (एचईईपी) के तहत 20 वर्ष तक बिजली-शुल्क में छूट दी जाएगी, पहले यह छूट केवल 10 वर्ष के लिए ही लागू थी।
इसके अलावा, उन उद्योगों को 48 हजार प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष सब्सीडी दी जाएगी जो हरियाणा के व्यक्तियों को अपने उद्योग में रोजगार देंगे, यह सब्सीडी 7 वर्ष तक जारी रहेगी।
उन्होंने बताया कि ‘स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स’ की एवज में अधिकतम 10 वर्ष के लिए 100 फीसदी इन्वेस्टमैंट-सब्सीडी भी देकर निवेशकों को विशेष लाभ देने की दिशा में कदम उठाया गया है। धान की पराली व अन्य फसलों के अवशेषों के प्रबंधन के लिए लगाए जाने वाले उद्योगों के लिए भी इस पोलिसी में विशेष छूट देने की योजना बनाई है ताकि राज्य बिजली के क्षेत्र में जहां आत्मनिर्भर बन सके वहीं प्रदूषण से देश एवं प्रदेश को छूटकारा मिल सकेगा। एचईईपी का प्रारूप फाइनल कर लिया गया है, जल्द ही इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा।
डिप्टी सीएम, जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य तथा श्रम एवं रोजगार विभाग का प्रभार भी है, ने ‘हरियाणा इंटरप्राइजिज एंड एंपलॉयमैंट पोलिसी-2020’ से संबंधित अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बातें करी।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि उद्योग एवं वाणिज्य विभाग द्वारा तैयार की गई ‘हरियाणा इंटरप्राइजिज एंड एंपलॉयमैंट पोलिसी-2020’ में जहां देश की 151 औद्योगिक एसोसिएशनों से सुझाव लिए गए हैं वहीं गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, उत्तरप्रदेश, तेलंगाना, पंजाब और राजस्थान समेत अन्य राज्यों की औद्योगिक नीतियों का भी अध्ययन किया गया है ताकि हरियाणा के लिए बनने वाली पोलिसी सर्वोत्कृष्ट बनाई जा सके। ड्राफ्ट-पोलिसी करीब एक महीने तक पब्लिक-डोमेन में अपलोड की गई ताकि स्टेकहोल्डर इसका अध्ययन कर अपने सुझाव दे सकें।