Birth certificate may become single document for public services

A Bill was introduced in the Lok Sabha with an aim to allow the use of a birth certificate as a single document for admission to an educational institution, issuance of driving licence, preparation of voter list, Aadhaar card, registration of marriage or appointment to a government job.

The Registration of Births and Deaths (Amendment) Bill, 2023 will also help create a national and state-level date base of registered birth and deaths, which eventually would ensure efficient and transparent delivery of public services and social benefits and digital registration.

The bill will facilitate insertion of provisions for digital registration and electronic delivery of certificate of births and deaths for the benefit of the public at large, to create a national and state-level database of registered birth and deaths which would help in updating other databases resulting in efficient and transparent delivery of public services and social benefits.

A Bill was introduced in the Lok Sabha with an aim to allow the use of a birth certificate as a single document for admission to an educational institution, issuance of driving licence, preparation of voter list, Aadhaar card, registration of marriage or appointment to a government job.


सार्वजनिक सेवाओं के लिए जन्म प्रमाणपत्र होगा एकल दस्तावेज


लोकसभा में एक विधेयक प्रस्तुत किया गया है जिससे शिक्षण संस्थान में प्रवेश, ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने, मतदाता सूची की तैयारी, आधार पत्र, विवाह पंजीकरण या सरकारी नौकरी में नियुक्ति सभी के लिए सिर्फ जन्म प्रमाणपत्र का उपयोग किया जा सकेगा।

जन्म और मृत्यु (संशोधन) विधेयक, 2023 के द्वारा राष्ट्रीय और राज्य स्तर के पंजीकृत जन्म और मृत्यु के डेटाबेस के निर्माण में मदद मिलेगी, जिससे समय से जनोपयोगी सेवाओं और सामाजिक लाभों के कुशल और पारदर्शी वितरण तथा डिजिटल पंजीकरण का सुनिश्चितकरण होगा।

यह विधेयक सार्वजनिक लाभ के लिए जन्म और मृत्यु के प्रमाणपत्र के डिजिटल पंजीकरण और इलेक्ट्रॉनिक वितरण की सुविधा को संभव बनाने के लिए प्रावधान प्रविश्टि को सुविधाजनक बनाएगा, एक राष्ट्रीय और राज्य स्तर के पंजीकृत जन्म और मृत्यु के डेटाबेस का निर्माण होगा जो अन्य डेटाबेसों को अपडेट करने में मदद करेगा, जिससे समय से सार्वजनिक सेवाओं और सामाजिक लाभों का कुशल और पारदर्शी वितरण होगा।

लोकसभा में एक विधेयक प्रस्तुत किया गया है जिससे शिक्षण संस्थान में प्रवेश, ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने, मतदाता सूची की तैयारी, आधार पत्र, विवाह पंजीकरण या सरकारी नौकरी में नियुक्ति सभी के लिए सिर्फ जन्म प्रमाणपत्र का उपयोग किया जा सकेगा।