व्यापारीयों द्वारा जीएसटी सुधार और खरीदार संरक्षण की मांग
- सितम्बर 14, 2023
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जीएसटी अधिनियम की प्रमुख चुनौतियाँ कुछ धाराओं से संबंधित है। विशेष रूप से, धारा 16(2) और 16(2) सी, जो यह प्रावधान करती है कि यदि कोई विक्रेता खरीदार से जो जीएसटी वसूलता है, और सरकारी खजाने में जमा नहीं करता है, तो खरीदार के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की वापसी हो सकती है।
यह प्रावधान अत्यधिक कठिन है और इसके संशोधन या पूरी तरह से हटाने की आवश्यकता है। तर्क इस विचार के चारों ओर है कि किसी भी इरादतन या गैर इरादतन गतिविधियों के कारण वास्तविक खरीदारों को नुकसान नहीं होना चाहिए, जिन्हें बेइमान आपूर्तकों द्वारा किए जाते हैं।
इसके अलावा, खरीदारों के लिए स्पष्ट और व्यापक दिशानिर्देशों की आवश्यकता है। व्यापारी सरकार से स्पष्ट निर्देश मांगते हैं कि खरीदारों को किन विशिष्ट दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है और उन्हें किन पोर्टलों का सहारा लेने चाहिए। एक बार जब खरीदारों ने सभी आवश्यक जांचें पूरी कर दी उनके 18 प्रतिशत जीएसटी क्रेडिट के अपूर्ति अधिकार की निश्चितता का आश्वासन रहना चाहिए। जो उन्हें स्थिर और पूर्वानुमानित व्यवसायिक पर्यावरण का आश्वासन करें।
जाली बिलों और अन्यायपूर्ण प्रतिस्पर्धा की समस्या एक और प्रमुख चिंता के रूप में सामने आई है। ऐसे कई उदाहरण हैं, जिसमें जालसाजों ने जाली बिलों का उपयोग करते हुए बहुत ही नीची कीमतों में माल की आपूर्त्ति की जिससे वास्तविक सच्चे आपूत्तिकर्त्ता नुकसान में रहे। इस समस्या का समाधान करना समानता को बढ़ावा देने और वास्तविक व्यापारियों के हितों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
व्यापार करने की सुविधा के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाना और पालन के बोझ को कम करना छोटे और मध्यम आयम के उद्यमों के विकास और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। व्यापारी समुदाय के भीतर सही और मेहनती व्यक्तियों को जिन्होंने आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका खेली है, सरकार के समर्थन की बहुत आवश्यकता है।
व्यापारियों और सरकारी निकायों के बीच संवाद और सहयोग की महत्वपूर्ण आवश्यकता है, जो विकास, नवाचार और सतत विकास को प्रोत्साहित करने वाले समावेशी और प्रासंगिक व्यवसायिक पर्यावरण को बनाने में मदद करें।