लकड़ी आधारित (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश 2023, डीपीआईआईटी, भारत सरकार द्वारा अगस्त 2023 के दौरान प्रकाशित किया गया था। यह आदेश कॉर्पाेरेट और बड़े उद्योगों के लिए फरवरी 2024 से, छोटे उद्योगों के लिए मई 2024 से और एमएसएमई क्षेत्र के अंतर्गत सूक्ष्म उद्योगों के लिए अगस्त 2024 से लागू होगा।

हाल के दिनों में उक्त गु.नि.आ. को लागू करने में ‘‘व्यावहारिकताओं‘ के बारे में सूक्ष्म और लघु उद्योग क्षेत्र में भारी मात्रा में घबराहट, भय और चिंता देखी गयी है। हालाँकि, हाल की बातचीत, चर्चा और बहस के दौरान, यह स्पष्ट रूप से सामने आ रहा है कि कई छोटे और सूक्ष्म उद्योग खुद को उत्कृश्ट करना नहीं चाहते हैं, या बेहतरी के लिए खुद को उन्नत नहीं करना चाहते हैं। वे हमेशा हल्की और निम्नस्तर उत्पादों का उत्पादन और बिक्री करके बाजार में रहना चाहते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि ऐसी सैकड़ों फ़ैक्टरियाँ अस्तित्व में हैं जिनके संचालन के लिए बुनियादी लाइसेंस भी नहीं हैं। ये सभी प्रतिकूल विचार प्रक्रियाएं और गतिविधियां भारत की मूल संरचना, हमारी अंतरात्मा, हमारी स्थिरता, हमारे चरित्र और चेतना के खिलाफ हैं।

QCO गुणवत्ता नियंत्रण आदेश क्यों?

  • हम सभी जानते हैं कि घरेलू स्तर पर उत्पादित और बड़ी मात्रा में आयातित भारतीय प्लाइवुड और पैनल बाजार गलत दावों से भरे हुए और भ्रामक उत्पादों से भरा हुआ है। यह प्राकृतिक संसाधनों की बर्बादी, सिंथेटिक रासायनिक संसाधनों का दुरुपयोग, जनशक्ति की अवहेलना पर्यावरण का दुरुपयोग और अपव्यय, और साल दर साल उपभोक्ताओं को भ्रमित रखना है। ये सभी सामाजिक-आर्थिक दृष्टि से अनुचित अपराध हैं। यह हमेशा के लिए जारी नहीं रहना चाहिए।
  • प्लाइवुड लकड़ी का एक इंजीनियर्ड उत्पाद है। उपरोक्त गलतियों के कारण, पिछले कुछ दशकों में प्लाइवुड पर उपभोक्ताओं का भरोसा काफी कम हो गया है।
  • डब्ल्यूपीसी, पीवीसी फोम बोर्ड, ऐक्रेलिक बोर्ड और ऐसे अन्य सिंथेटिक अस्थिर विकल्प उत्पाद एक टिकाऊ प्राकृतिक-आधारित उत्पाद को चुनौती दे रहे हैं, घेर रहे हैं, आक्रमण कर रहे हैं और उसकी जगह ले रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि इनमें से कई उत्पादों को लकड़ी और लकड़ी के नाम और शैली में गलत तरीके से विपणन किया जाता है - जैसे कि बेस्टवुड, डेनवुड, ट्रूवुड आदि, जो पूरी तरह से भ्रामक और एक सामाजिक-आर्थिक अपराध है।
  • आसन्न कार्यान्वयन के सकारात्मक पक्ष पर, छोटे और सूक्ष्म उद्योगों को यह महसूस करना चाहिए कि यह उनके लिए गुणवत्ता की ओर उन्नत होने और बेहतर बिक्री और (शांतिपूर्ण) निरंतर मुनाफा सुनिश्चित करने का एक शानदार अवसर है।

प्रतिरोध क्यों है?

आइए अंततः अपने उद्योग क्षेत्र की सच्चाई और वास्तविकताओं का सामना करें।

QCO का सबसे अधिक विरोध उन कारखानों द्वारा किया जाता है जो-

  • खुद को उन्नत नहीं करना चाहते, या गुणवत्ता सुधार की इच्छा नहीं रखते।
  • पारंपरिक कारीगरों के ‘‘व्यावहारिक अनुभव‘‘ पर भरोसा करके चलाए/प्रबंधित किए जाते हैं।
  • चलाने की अनुमति भी नहीं है।
  • अव्यवसायिक तरीके से और ‘‘कच्चा-पक्का‘‘ के अंधेरे जाल में चलते रहना चाहते हैं।
  • अप्रत्यक्ष रूप से डीलरों/डीलर नेटवर्क द्वारा चलाए जाते हैं जो बड़ी/थोक मात्रा में अनैतिक रूप से माल बेचते हैं।

Ristal Laminates gif

इसके बजाय मानक परिचालन प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित करें और तकनीकी खामियां दूर करें

  • तकनीकी नीम-हकीम और उत्पादन प्रक्रिया में जुगाडु मिश्रण करने वाले आपको गुणवत्ता पूर्ण उत्पाद बनाने में मदद नहीं करेंगे।
  • गुणवत्ता पूर्ण उत्पाद बनाना सरल है और इसके लिए केवल कुछ मापदंडों का कड़ाई से पालन करना आवश्यक है।
  • कच्चे माल और रेजिन को खराब करने का असावधानी भरा तरीका और गलतियों को ठीक करने के लिए गैर जिम्मेदार तकनीकी जुगाडु डॉक्टरों के साथ मिलकर काम करने की कोशिश बंद करें। आप कभी न ख़त्म होने वाली ग़लतियों के चक्र में फंस जायेंगे।
  • सक्रिय शिक्षार्थी और निरंतरता-साधक बनें।
  • साफ, सूखे कोर विनियर, अच्छी तरह से पकाए गए रेजिन (इंजीनियर्ड विस्कोसिटी पके हुई विस्कोसिटी से पूरी तरह से अलग है), उचित विस्तारक (मैदा सम्राट है), और स्थिरता बनाए रखने वाले कर्मचारी की सरल लेकिन कठोर (SOPs)(मानक संचालन प्रक्रियाओं) का पालन करें।
  • कभी भी प्लाइवुड जैसा कुछ बनाने के लिए सिर्फ फेस कोर की परतों को ग्लू से चिपकाने की कोशिश न करें। हम अपनी कब्र खुद खोद रहें होंगे।
  • दिमाग का विकास करें, तत्कालीन चपलता में नहीं। यह पुराना स्कूल है।

QCO द्वारा लाए गए अवसर

  • मानकीकरण विकास और नवाचार की कुंजी है।
  • भारत में अच्छी गुणवत्ता वाले 100 प्रतिशत लाईवुड उत्पाद का निर्माण।
  • निर्माता गर्व और आत्मविश्वास के साथ निर्यात बाजारों पर ध्यान दे सकते हैं।
  • विदेशों में भारतीय प्लाइवुड के लिए बेहतर सम्मान।
  • उपभोक्ता अपनी मेहनत की कमाई और टिकाऊ घर के इंटीरियर के लिए सुपरिभाशित गुणवत्ता वाले विकल्प चुन सकते हैं।
  • घटिया आयात के साथ-साथ निम्न स्तर के घरेलू उत्पादों की आपूर्त्ति का समापन।
  • भ्रामक प्रथाओं का अंत।
  • बाज़ारों में मजबुती और पारदर्शिता।

प्लाइवुड बनाना परमाणु विज्ञान या अंतरिक्ष विज्ञान नहीं है।

फंगस लगने से पहले विनियर को सुखा लें,

अगर घरेलु पीलिंग और ड्रायर नहीं है तो सूखे विनियर खरीदें,

जबड़ा/फाली कोर विनियर को अच्छी तरह से कंपोज करें (महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु क्षेत्र - इसके लिए अपनी तत्कालीन चपलता का उपयोग करें),

अच्छी तरह से तैयार और पके हुए रेज़िन का उपयोग करें,

अच्छे एक्सटेंडर का उपयोग करें ( मैं दोहराता हूं, मैदा सम्राट है),

सही मोटाई और चिपचिपाहट के साथ अच्छी तरह से मिश्रित ग्लू पर ध्यान केंद्रित करें,

सुनिश्चित करें कि ग्लू का प्रसार सटीक और एक समान है,

हॉट प्रेस मापदंडों को लगातार सही बनाए रखें।

यदि आप इन बुनियादी कार्यों को पूरा नहीं कर सकते हैं, तो कृपया प्लाइवुड उद्योग से बाहर निकलें ताकि उपभोक्ताओं का प्लाइवुड पर भरोसा बना रहे और अधिक उपयोगी कार्यों के लिए अन्यत्र आवंटित करके भारतीय संसाधनों और लोगों को बचाया जा सके।

जय हिन्द!जय हिंद!

‘उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए‘ - स्वामी विवेकानन्द

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