साइबर अपराध और ऑनलाइन धोखाधड़ी पर रोक लगाने के लिए सरकार ने कडे़ कदम उठाए है। देश में चलाए गए अभियान के तहत 18 लाख मोबाइल कनेक्शनों की जांच की गई है।

जो किसी न किसी तरह से धोखाधड़ी में शामिल रहे हैं। इसलिए कंपनियों को निर्देश दिए गए कि कनेक्शन की जांच की जाए। यदि कुछ भी अनियमित मिले तो कनेक्शन को बंद किया जाए।

सरकार ने नंबरों की जांच की। इसमें कई एजेंसियों को शामिल किया गया। जांच के दौरानए यह पता चला कि कई मामलों में एक ही हैंडसेट में हजारों मोबाइल कनेक्शनों का अलग अलग समय में प्रयोग किया गया।

Magnus

मई में दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार कंपनियों को 28,220 मोबाइल हैंडसेटों को डिस्कनेक्ट करने और इन हैंडसेटों में अलग अलग समय में बीस लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शनों को फिर से जांच करने के लिए कहा था।

एक अधिकारी ने कहाए “आम तौर पर ऐसे मामलों में केवल 10 प्रतिशत कनेक्शन सत्यापित हो पाते हैं और बाकी दोबारा सत्यापन में असफल होने पर डिस्कनेक्ट हो जाते हैं।“

देश में मोबाइल फोन आधारित साइबर अपराधों की संख्या में लगातार वृद्धि के बीच यह कार्यवाही की गई है। राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल एनसीआरपी के अनुसार डिजिटल वित्तीय धोखाधड़ी के पीड़ितों को 2023 में 10,319 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। वित्त पर संसदीय स्थायी समिति की एक रिपोर्ट के अनुसारए 2023 में 694,000 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं। जालसाज आम तौर पर विभिन्न दूरसंचार सर्किलों के सिम कार्ड का उपयोग करते हैं और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ.साथ दूरसंचार ऑपरेटरों की नजरों से बचने के लिए नियमित रूप से सिम और हैंडसेट को बदलते रहते हैं।


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