सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि चीन से निवेश ज्यादा नहीं हो रहा है, लेकिन चीन की वस्तुओं पर भारत की निर्भरता करीब दो दशक से लगातार बढ़ रही है।

भारत ने करीब चार साल पहले भारत के साथ सीमा साझा करने वाले देशों मसलन चीन, पाकिस्तान, नेपाल, म्यामार, भूटान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले विदेशी निवेश के लिए पूर्व मंजूरी अनिवार्य कर दी है, जिससे महामारी के बाद घरेलू फर्मों को अधिग्रहण से बचाया जा सके।

भारत में इस बात पर राजनीतिक सहमति है कि चीन पर आर्थिक निर्भरता या भरोसा एक बुरा विचार है। लेकिन हमें अपने रुख को निष्पक्ष रूप से देखने की जरूरत है। सिर्फ इसलिए क्योंकि हमें अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए एफडीआई की जरूरत है।

भारत को चीन से माल और पूंजी आयात करने के बीच सही संतुलन खोजना चाहिए। व्यापार लागत को कम करना और विशेष रूप से भारत के श्रम-आधारित विनिर्माण क्षेत्र में अधिक विदेशी निवेश को आकर्षित करना, सुविधाजनक बनाना और बनाए रखने की रणनीती होनी चाहिए।

Asean Ply GIF

व्यापार और उद्योग के साथ-साथ वित्त मंत्री का मानना है कि चीन से बिना जांच के आने वाली एफडीआई हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ साथ हमारे व्यापार के लिए सही नहीं है। मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में इसे बिलकुल भी व्यवहारिक नहीं माना जाएगा।

लेकिन चीनी से एफडीआई को पूरी तरह से बंद करना और चीनी विशेषज्ञ तकनीशियनों और प्रौद्योगिकी श्रमिकों को वीजा देने से इनकार करना शायद हमारी मदद नहीं करेगा। इससे हो सकता हे कि हमें नुकसान ही हो। चीन के साथ भारत का व्यापार और व्यापार घाटा लगातार बढ़ रहा है। चीन से पूरक व्यापार और निवेश आना भारत से निर्यात के लिए विनिर्माण उत्पादन को गति देने वाला साबित हो सकता है।

भारत को अपने एफडीआई-संबंधी सुरक्षा को इतना व्यापक भी नहीं बना देना चाहिए कि यह देश में चीनी निवेश को प्रभावी रूप से प्रतिबंधित कर दे। यह हमारे ‘चीन$1’ प्रयासों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। भारत को चीन से बाहर जाने वाली एफडीआई प्रवाह के लिए प्रतिस्पर्धा करनी ही होगी। निर्भरता के बजाय सतर्क अंतरनिर्भरता को पहचानने की मानसिकता इसके लिए महत्वपूर्ण होगी।


 👇 Please Note 👇

Thank you for reading our article!

If you don’t received industries updates, News & our daily articles

please Whatsapp your Wapp No. or V Card on 8278298592, your number will be added in our broadcasting list.


Natural Natural