पंजाब में एग्रोफोरेस्ट्री प्रमोशन बोर्ड का गठन
- सितम्बर 12, 2023
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पंजाब में एग्रोफोरेस्ट्री प्रमोशन बोर्ड के गठन से, सरकार को रेवेन्यू, इंडस्ट्री को लकड़ी और किसान को मिलेंगे लकड़ी के अच्छे भाव
हमने सरकार को सुझाव दिया है कि मंडी फीस को पोर्टल सिस्टम से हटा दिया जाना चाहिए। तभी पोर्टल ज्यादा उपयोगी साबित हो सकता है।
पंजाब में खाली पड़ी जमीनों पर पौधारोपण की योजना किस चरण में हैं?
सरकारी कामकाज में औपचारिकता और प्रक्रिया थोड़ी लंबी होती है। इसलिए सरकार को एक सुझाव दिया गया है कि पंजाब में एग्रोफोरेस्ट्री प्रमोशन बोर्ड का गठन किया जाए। इसमें कृशि विभाग वन विभाग, रेवेन्यू, नर्सरी, प्लाइवुड उद्योग विशेषज्ञ व किसानों को शामिल किया जाए। यह बोर्ड लगातार नियमित मीटिंग करें तब ही इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जा सकेंगे। सरकार ने वन विभाग के संरक्षण अधिकारी को यह जिम्मेदारी सौंपी है, कि वह इसका ड्राफ्ट तैयार करें क्योंकि बोर्ड में सरंक्षक भी एक सदस्य है। ड्राफ्ट पर काम चल रहा है। यह बोर्ड पंजाब में कृषि वानिकी में क्रांतिकारी कदम साबित होगा। पंजाब सीएम भी इस योजना से खुश है।
बोर्ड की जरूरत क्यों महसूस हुई?
अभी सरकारी या पंचायती जमीन को लीज पर लेने में एक नियम आड़े आ रहा है, वह यह है कि लीज हर साल दस प्रतिशत बढ़ जाएगी। यह बहुत ज्यादा है। क्योंकि 15 साल में तो यह राशी तीन सौ प्रतिशत तक बढ़ जाएगी। यानी की जमीन की कीमत से भी ज्यादा लीज हो जाएगी। सरकार की जमीन तो बहुत पड़ी है, लेकिन इस तरह से जमीन लेने का फायदा नहीं है। पांच वर्श दस प्रतिशत की बढ़ोतरी तो फिर भी जायज है। इसलिए बोर्ड का गठन होना जरूरी है ताकि इन व्यवहारिक समस्याओं का समाधान खोजा जा सकें।
बोर्ड की कार्यप्रणाली कैसी होगी?
पहले तो बोर्ड लीज पर ली जाने वाली जमीन की औपचारिकता व शर्तें तैयार करेगा। क्योंकि जमीन की पहचान करने का काम भी बोर्ड काफी महत्वपूर्ण है। जमीन सिंचित है या गैर सिंचित है, जोती जा रही है या नहीं। या फिर बंजर या अनुपजाऊ तो नहीं है। क्योंकि अलग अलग जमीन के लीज का किराया अलग अलग होगा। इसके साथ ही जमीन देने वाले और जमीन लेने वाले के बीच जो भी समझौता होगा, वह बोर्ड की देखरेख में होगा। इससे सभी के हित सुरक्षित हो सकते हैं। और किसी तरह के विवाद की संभावना खत्म हो जाती है।
जनता की भागीदारी कैसे बढ़ेगी?
हमने सरकार को यह भी सलाह दी कि प्रत्येक 20 एकड़ जमीन पर एक बेरोजगार युवा को देखभाल के लिए नियुक्त किया जाए। इससे गांवों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इसके साथ ही युवा भी जमीन को लीज पर लेकर उद्योगों को लकड़ी उपलब्ध करा सकते हैं। इस एक प्रयास से समाज के बडे़ पैमाने पर लोगों के हित साधे जा सकते हैं।
सरकार ने ई टिंबर पोर्टल भी तो तैयार किया था, यह किस तरह से काम कर रहा है?
ई टिंबर पोर्टल निश्चित ही सरकार का अच्छा प्रयास है। यहां विक्रेता और खरीदार दोनों आपस में लकड़ी का सौदा कर सकते हैं। लेकिन इसमें भी मंडी फीस है। हमने सरकार को सुझाव दिया है कि मंडी फीस को पोर्टल सिस्टम से हटा दिया जाना चाहिए। तभी पोर्टल ज्यादा उपयोगी साबित हो सकता है। सरकार ने हमारे सुझाव को मान लिया है। पोर्टल से मंडी फीस हटाने का ड्राफ्ट भी तैयार हो गया है। इसे अब नियम बना कर जल्दी ही लागू कर दिया जाएगा।
इससे तो सरकार को रेवेन्यू का नुकसान ही होगा?
अभी सरकार को लकड़ी मंडी से औसतन 20 लाख रुपए का रेवेन्यू ही मिल रहा है। जो उनके कुल राजस्व में महत्वहीन है। इन बदलावों के बाद सरकार के रेवेन्यू में भी जबरदस्त इजाफा होगा। इस तरह से सरकार को कहीं से भी नुकसान नहीं बल्कि फायदा होगा।
पौधों के लिए क्या किया जा रहा है?
पंजाब सरकार का आईटीसी के साथ एक करार कराया है। इसमें आईटीसी नर्सरी में उम्दा किस्म के पौधे तैयार करेगी। एक करोड़ पौधों की नर्सरी तैयार होगी। कुछ बड़ी कंपनियां सामाजिक दायित्व के तहत वित्तीय मदद देने को तैयार हैं। तैयार पौधे किसानों में दो रुपए प्रति पौध वितरित किए जाएंगे।