All india MDF Manufacturers Association

आल इंडिया एमडीएफ मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन गठन के पीछे सोच क्या है?

अभी तक एमडीएफ में सिर्फ बढ़ी कंपनियों का आधिपत्य था। पिछले कुछ सालों में उद्यमियों ने मध्यम क्षमता के उद्योग स्थापित किए है। इन उद्योगों में एक समन्वय की कमी थी। इसलिए एक ऐसा मंच बनाना है, जहां हर निर्माता अपनी बात रख सके। इस तरह के मंच की कमी देखी जा रही थी। इसलिए इस दिशा में प्रयास किया गया है। एसोसिएशन में अभी एमडीएफ इडस्ट्री के 14 निर्माताओं को इसमें शामिल किया गया है। बड़ी कंपनियां जैसे ग्रीन, सेंचुरी, एक्शन टेसा सहित रूशील डेकोर ने भी एसोसिएशन को सहयोग देने की सहमति दी है।

पहली बैठक में क्या निर्णय लिए गए?

भुगतान में आ रही दिक्कतों से महसूस हो रहा था कि इसके लिए उत्पाद को द्वारा समय सीमा निर्धारित होनी चाहिए। और इसका सख्ती से पालन भी होना चाहिए। इसके लिए निर्णय लिया कि भुगतान 21 दिन में होना चाहिए। व्यापार में पारदर्शिता आए,इसके लिए काम करना होगा। नकली ग्रीन कलर एमडीएफ के आयात को रोकने की दिशा में उचित कदम उठाने का भी निर्णय लिया गया है।

क्या रेट बढ़ाने पर भी विचार किया गया?

जी, रेट बढ़ाने पर विचार किया गया है। उत्पादन क्षमता बढ़ने के साथ साथ लकड़ी की कीमतें भी लगातार बढ़ रही हैं। जिससे उत्पादन लागत भी बढ़ रही है। अगर सभी ने एकमत होकर निर्णय नहीं लिया तो उद्योग को नुकसान उठाना पड़ेगा। इसके लिए दस तारीख को एक और बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में निर्णय लिया जाएगा कि कितना रेट बढ़ाया जाना चाहिए।

एमडीएफ निर्माता अपनी समस्याओं पर बातचीत करने से बचते रहे हैं?

यह सही बात है। ऐसा अक्सर होता है। लेकिन अब यह प्लेटफार्म बन गया है। यहां हर कोेई अपनी बात रख सकते हैं। व्यापार में जो भी दिक्कत है, उस पर सामूहिक तौर पर विचार किया जाएग। कुछ डिफाल्टर डीलर है, उन पर भी विचार विमर्श किया गया है। क्योंकि उद्योग को सुचारू रूप में चलाना है तो उद्योग और वितरकों के मध्य आपसी सहयोग और विश्वास आवश्यक है।

एसोसिशन में क्या पूरे भारत से निर्माताओं को शामिल किया गया है?

जो एमडीएफ निर्माण कर रहे हैं, उन सभी को एसोसिएशन में शामिल करना है। जिनका उत्पादन शुरू हो गया है, उन्हें इसमें शामिल किया गया। कोशिश यह है कि देश भर के निर्माता एसोसिएशन में भागीदारी करे।

एसोसिएशन किस किस प्वाइंट पर काम करने की रणनीति बना रही है?

अभी तो उत्पाद का रेट बढ़ाना सबसे पहला काम है। क्योंकि लकड़ी के रेट लगातार बढ़ रहे हैं। इसे लेकर ठोस कदम उठाने होंगे। बीआईएस के मानकों को लेकर भी चर्चा की जाएगी। भुगतान की समय सीमा तय करना और कैसे लकड़ी का क्षेत्रफल बढ़ाया जाए। इस पर भी बातचीत की जाएगी।

अभी दिल्ली में ऑफिस बनाने जा रहे हैं। इसके बाद एसोसिएशन के पदाधिकारियों का चयन किया जाएगा। एसोसिएशन का लोगो भी तैयार करना है। इस दिशा में काम चल रहा है।