Amendments in GSTR W.E.F. 01 Jan 21
- जनवरी 17, 2021
- 0
1) GST registration can be cancelled or suspended under CGST Rule 21A at the discretion of the tax officer in the following cases:
- Major discrepancies between the GSTR-3B vis-a-vis the GSTR-1 and GSTR-2B
Utilisation of ITC from electronic credit ledger to discharge more than 99% of the tax liability for specified taxpayers – with the total taxable value of supplies exceeding R50 lakh in the month, with some exceptions. - A taxpayer has not filed GSTR-1 due to GSTR-3B not being filed for more than two consecutive months (one quarter for those who opt into the QRMP scheme).
2) Following are the changes in Rule 36(4) from 1st January 2021:
- The ITC shall be available as per the invoices uploaded by respective suppliers either in their GSTR-1 or by using the Invoice Furnishing Facility (IFF).
- The recipients can claim provisional input tax credit in GSTR-3B to the extent of 5% instead of earlier 10% of the total ITC available in GSTR-2B for the month.
- Certain taxpayers cannot make payment from their electronic credit ledger in excess of 99% of the total tax liability for the tax period.
- It applies to such taxpayers who have monthly value of taxable supplies of more than R50 lakh (not being exempt or zero-rated supplies). The following taxpayers are exempted from this restriction:
A registered taxpayer where more than R1 lakh is paid as income tax in the last two FY in belated IT returns of himself or his proprietor or any two partners or managing director, trustee or board, etc.
A registered taxpayer who has received more than R1 lakh as refund of unutilised input tax credit under GST, on account of zero-rated supplies without payment of tax or inverted tax structure.
A registered taxpayer paid more than 1% of his GST liability using only his electronic cash ledger, for all the tax periods in the current FY so far.
Government departments, PSU, local authorities, statutory bodies, etc.
3) The following are the changes notified for e-way bills:
From 1st January 2021, the validity of e-way bills for cases other than over dimensional cargo is now calculated based on distance of 200 km and not 100 km.
The non-furnishing of GSTR-3B for two consecutive tax periods or suspension of GSTIN under CGST Rule 21A will lead to blocking of e-way bills under Rule 138E.
सरकार द्वारा जीएसटी के नियमों में 1 जनवरी 2021 से महत्वपूर्ण बदलाव
1. जिस महीने में आपकी कर योग्य बिक्री 50 लाख से ज्यादा है, उस महीने में आपको वित्त दायित्व का न्यूनतम 1 प्रतिशत नकद में भरना होगा। यदि आपके पास आईटीसी का संतुलन है तो भी आपको 1 प्रतिशत नकद से ही भरना होगा।
2. इस नियम में से उन लोगों को छूट दी गई है
(I) जो पिछले दो वर्षों में 1 लाख से ज्यादा का आयकर भर रहे हो।
(II) जिनका उस महीने से पहले तक के कुल जीएसटी भुगतान में नकद का ऐलीमेंट 1 प्रतिशत से ज्यादा हो।
(III) अब करदाता उतनी ही आईटीसी क्लेम कर पाएंगे जितनी कि 2बी में दिख रही है। अधिकतम 5 प्रतिशत तक के अंतर की अनुमति होगी।
(IV) यदि करदाता 2बी से अधिक आईटीसी क्लमे करता है तो डिपार्टमेंट के अधिकारियों को यह अधिकार दिया गया है कि वो उचित समझे तो करदाता का जीएसटी नंबर रद्द करने की कार्यवाही कर सकते हैं। हालांकि यह प्रावधान नकली और फर्जी बिलिंग वालों के लिए लाया गया है लेकिन सामान्य करदाता के केस में भी 2बी से ज्यादा फर्क होने पर डिपार्टमेंट द्वारा इसे प्रयोग किया जा सकता है।
(V) काफी लोग बिना 2बी मैच किये हुए ही जीएसटीआर 3बी लगा रहे हैं। ऐसे मामलों में डिपार्टमेंट 18 प्रतिशत ब्याज का नोटिस दे सकता है तथा नियम विरूद्ध आईटीसी क्लेम करने के लिए पेनल्टी भी लगा सकता है।
(VI) सरकार द्वारा 5 करोड़ तक के टर्नओवर वालो को त्रैमासिक रिटर्न भरने की छूट दी है। आपके 2बी में उन्हीं आपूर्तिकर्ता की आईटीसी दिखेगी जिन्होंने 11 तारीख तक जीएसटीआर 1 भर दिया है। यदि जीएसटीआर 1 12 तारीख को या उसके बाद भरा है तो वह आईटीसी अगले महीने में मिलेगी और अंतर आपको भरना होगा।
(VII) यदि करदाता 2 महीने के 3बी नहीं भरता है तो वह जीएसटीआर 1 भी अपलोड नहीं कर पायेगा। यदि जीएसटीआर 1 तथा 3बी में वित्त दायित्व में ज्यादा फर्क है तो डिपार्टमेंट जीएसटी पंजीकरण रद्द करने का नोटिस दे सकता है।
(VIII) ई-वे बिल वैधता भी पहले 100किमी. के लिए 1 दिन की थी वह अब 200किमी. तक की दूरी के लिए 1 दिन कर दी गयी है।
(IX) विभाग को जीएसटी रजिस्ट्रेशन 3 दिन में देना होता था उसे अभी 7 दिन कर दिया गया है। यदि आधार नंबर नहीं है और अधिकारी विज़िट करना चाहता है तो यह समय सीमा बढ़ा कर 30 दिन कर दी गई है।
(X) काफी लोग 3बी को गंभीरता से नहीं भर रहे है तथा यह सोचकर कि जो भी अंतर आ रहा है वो अगले महीनों में समायोजित कर लेंगे। ऐसा करना उचित नहीं है तथा ज्यादा असंतुलन होने पर सभी महीनों के लिए नोटिस आ सकता है।
(XI) कुछ धोखाधड़ी तत्वों की वजह से पूरे व्यापार और उद्योग को भारी अनुपालन का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए सभी को अपनी लेखांकन और कराधान टीम को मजबूत रखना होगा।