काले धन को सफेद बनने से रोकने के लिए दुनिया भर में निगरानी करने वाली संस्था फाइनैंशियल एक्शन टास्क फोर्स FATF ने कहा है कि भारत ने उसके दिशानिर्देशों के अनुसार उच्च स्तरीय तकनीक का पालन करते हुए इस पर रोक लगाने की दिशा में संतोषजनक काम किया है।

फिर भी ऐसे कुछ क्षेत्र है, जिसमें अभी और ज्यादा मुस्तैदी दिखाने की जरूरत है। जैसे कि गैर वत्तीय क्षेत्रों में निगरानी को मजबूत करने के लिए और अधिक प्रयास करने चाहिए। एफएटीएफ ने संक्षिप्त वक्तव्य में भारत को नियमित निगरानी वाली श्रेणी में रखा है। यह भी कहा कि, अब भारत को धन शोधन और आतंकियों को धन मुहैया कराने संबंधी मामलों के मुकदमों का निपटरा जल्द करने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए।

वित्त मंत्रालय का मानना है कि अच्छी रेटिंग मिलने से भारत को वैश्विकवित्तीय बाजारों और संस्थानों तक अपनी पहुंच बेहतर करने में मिलेगी। इससे भारत के प्रति निवेशकों का विश्वास भी बढ़ेगा। मंत्रालय ने कहा कि इससे भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यूपीआईद्ध के वैश्विक विस्तार में भी मदद मिलेगी।

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टास्क फोर्स ने कहा कि भारत सरकार द्वारा किए गए उपायों के अच्छे परिणाम दिखे हैं। इनमें धन शोधन एवं आतंकियों के लिए धन मुहैया कराने के खतरों को समझा है। अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं वित्तीय खुफिया जानकारी के उपयोग और अपराधियों को उनकी परिसंपत्ति से वंचित करने जैसे उपाय शामिल हैं।

एफएटीएफ ने चौथे दौर में जी20 समूह के 17 देशों का आकलन किया था। जिनमें से भारत सहित चार देशों को नियमित ष्फॉलोअपष् श्रेणी में रखा गया है। जबकि समूह के अन्य देशों को ष्अधिक फॉलोअपष् श्रेणी में रखा गया है।

जन धन, आधार एवं मोबाइल त्रिमूर्ति के कार्यान्वयन और नकद लेनदेन पर कड़े नियमों से वित्तीय समावेशन और डिजिटल लेनदेन में वृद्धि हुई है। 


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