Burden of GST will be reduced for under construction flat buyers.
- जून 23, 2022
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The Gujarat High Court’s decision to deduct the actual value of land before levying GST on under-construction flats is expected to reduce the tax burden on home buyers. Presently, while levying GST on sale of under-construction flats and residential units, the tax is calculated on the full value of the flat or unit (including the value of the underlying land). After ad-hoc deduction of one-third of the cost of the flat, it is taxed. The actual cost of the land is not affected in this process.
Experts said that the application for deduction of one-third of the actual value of the land in urban areas or metropolitan flats is arbitrary in its nature as it does not take into account the area, size and location of the land. The High Court in its judgment in Munjal Manishbhai Bhatt vs Union of India has also included deduction of one-third of the cost of the land at the time of purchase of the flat. This will reduce the GST levied on the property to be purchased.
The court, in its judgment, has held that the mandatory deduction of one-third of the cost of the land is not applicable in cases where the value of the land can be clearly ascertained.
निर्माणाधीन फ्लैट खरीदारों पर घटेगा जीएसटी का बोझ
निर्माणाधीन फ्लैट पर जीएसटी लगाने से पहले जमीन का वास्तविक मूल्य घटाए जाने संबंधी गुजरात हाई कोर्ट के फैसले से घर खऱीदारों पर कर का बोझ घटने की उम्मीद है। फिलहाल निर्माणाधीन फ्लैट और आवासीय इकाइयों की बिक्री पर जीएसटी लगाए जाते समय कर की गणना फ्लैट या इकाई (अंतर्निहित भूमि की कीमत समेत) के पूरे मूल्य पर की जाती है। फ्लैट की एक-तिहाई कीमत की तदर्थ कटौती के बाद उस पर कर लगाया जाता है। इस प्रक्रिया में जमीन की असली कीमत का असर नहीं होता है।
विशेषज्ञों ने कहा कि शहरी क्षेत्र या महानगरों में भूमि का वास्तविक मूल्य फ्लैट के एक-तिहाई कटौती का आवेदन अपनी प्रकृति में मनमाना है क्योंकि यह जमीन के क्षेत्र, आकार और स्थान को ध्यान में नहीं रखता है। हाई कोर्ट ने मुंजाल मनीषभाई भट्ट बनाम भारत संघ के मामले में सुनाए गए अपने फैसले में फ्लैट खरीद के समय भूमि की एक-तिहाई कीमत की कटौती को भी शामिल किया है। इससे खरीदी जाने वाली संपत्ति पर लगने वाला जीएसटी कम हो जाएगा।
अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि भूमि की एक-तिहाई कीमत की अनिवार्य कटौती उन मामलों में नहीं लागू होती है जहां जमीन की कीमत साफ-साफ पता लगाई जा सकती है।