The Business Confidence Index (BCI) has dropped for the second successive quarter in 2022-23 (FY2023). It stood at 132.5 in the second quarter, down from 138.5 in the first quarter of FY2023, according to the latest round of the Business Expectation Survey (BES).

Earlier, it was at 142.9 in the fourth quarter of 2021-22, while it was 117.4 in the corresponding quarter last year.

The National Council of Applied Economic Research (NCAER), with support from the National Stock Exchange, Conducted the 122nd round of the BES in September, Covering 496 companies across India, It has been carrying out the BES every quarter since 1991, covering about 500 companies across four regions.

The index reveals that although it has recovered from the lows of the pandemic year, the sentiment on three of the four BCI components softened namely,

‘Overall economic conditions will be better in the next six months’.

‘Present investment climate is positive’, and

‘Present capacity utilization is close to or above optimal levels’.

The share of positive responses remained virtually unchanged between the two quarters, save for one component.

‘Financial position of the firms will improve in the next six months.’

‘’The sentiment on production, domestic sales, exports, imports of raw material, and new orders softened on FY2023, while expectations about ex-factory prices exhibited buoyancy’’.

‘’Notwithstanding a larger share of firms expecting ex-factory prices to rise, the sentiment on pre-tax profits weakened. The waning of sentiment was relatively higher for external parameters, compared to domestic ones,’’ the survey observed.


IMF's warning on recession   Century Plywood


व्यापार विश्वास अभी भी कम


बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स (बीसीआई ) 2022-23 (वित्त वर्ष 2023) में लगातार दूसरी तिमाही में गिरा है। बिजनेस एक्सपेक्टेशन सर्वे (बीईएस) के नवीनतम दौर के अनुसार, यह दूसरी तिमाही में 132.5 पर रहा, जो वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में 138.5 से नीचे था।

इससे पहले 2021-22 की चौथी तिमाही में यह 142.9 थी, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह 117.4 थी।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के समर्थन से नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) ने सितंबर में बीईएस के 122 वें दौर का आयोजन किया, जिसमें भारत भर में 496 कंपनियां शामिल थीं, यह 1991 से हर तिमाही में बीईएस का संचालन कर रही है, जिसमें चार क्षेत्रों से लगभग 500 कंपनियां शामिल हैं।

सूचकांक से पता चलता है कि हालांकि यह महामारी वर्ष के निचले स्तर से उबर गया है, लेकिन बीसीआई के चार घटकों में से तीन पर उत्साह वर्धक रही अर्थात्

‘अगले छह महीनों में समग्र आर्थिक स्थिति बेहतर होगी‘

‘वर्तमान निवेश माहौल सकारात्मक है‘, और

‘वर्तमान क्षमता उपयोग इष्टतम स्तरों के करीब या उससे ऊपर है‘।

सकारात्मक प्रतिक्रियाओं का हिस्सा दो तिमाहियों के बीच लगभग अपरिवर्तित रहा, एक घटक को छोड़कर

‘अगले छह महीनों में फर्मों की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा‘

’‘उत्पादन, घरेलू बिक्री, निर्यात, कच्चे माल के आयात और नए ऑर्डर पर धारणा वित्त वर्ष 2023 को नरम हुई, जबकि एक्स-फैक्ट्री कीमतों के बारे में उम्मीदों ने उछाल दिखाया‘‘।

‘‘फर्मों की एक बड़ी हिस्सेदारी के बावजूद, पूर्व-कारखाना कीमतों में वृद्धि की उम्मीद के बावजूद, कर-पूर्व लाभ पर धारणा कमजोर हुई। सर्वेक्षण में कहा गया है कि घरेलू मानकों की तुलना में बाहरी मापदंडों के लिए भावना का कमजोर होना अपेक्षाकृत अधिक था।‘‘


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