वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के सात वर्षों में केंद्र ने अपने हिस्से का काफी राजस्व खोया हैे, एक ऐसा योगदान जिसे जीएसटी के प्रगतिशील प्रदर्शन पर होने वाली चर्चा में अनदेखा किया गया है। अब तक, इस योगदान का न तो आंकलन किया गया, न ही इसकी सराहना की गई है।

2017 के सुधार के समय केंद्र द्वारा प्रदान की गई गारंटी पर राज्य बहुत अधिक आश्रित रहे, जिसने राज्यों को आश्वासन दिया गया था कि उनके राजस्व में पांच साल की अवधि के लिए सालाना 14 प्रतिशत की वृद्धि होगी। राजस्व गांरटी इसलिए दी गयी थी, कि उन्हें सुधार के लिए सहमत होने के लिए मनाना था। जो स्वाभाविक रूप से रेवेन्यू पर केंद्र पर निर्भरता को लेकर चिंतित थें।

इस गारंटी की पूर्ति के लिए तंबाकू, शीतल पेय और मोटर वाहनों जैसे सामान पर उपकर लगाया गया था। जब 2020 में कोविड आया, तो आर्थिक गतिविधि और राजस्व को गहरा धक्का लगा। जिससे राज्यों में राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी हो गई। केंद्र ने तब फंड से लगभग 2.75 ट्रिलियन रुपये उधार दिए। इसी राशि को अब उपकर संग्रह से चुकाया जा रहा है।

इसलिए, उपकर संग्रह जो पहले पांच वर्षों के लिए 14 प्रतिशत मुआवजा गारंटी के वित्त पोशण के लिए थी। फिर अंतिम दो वर्षों में ऋण चुकाने के लिए। इसका परिणाम यह हुआ कि पूरे सात साल के दौरान केंद्र के लिए वस्तुतः कुछ भी नहीं बचा था।

Harpa GIF

क्योंकि कई प्रारंभिक दरों में कटौती की गई, खासकर 2017-18 और 2019-20 के बीच। वित्त वर्ष 2018 के सापेक्ष वित्त वर्ष 2021 की अवधि के लिए, प्रभावी कर दर 13.2 प्रतिशत से घटकर 10.8 प्रतिशत हो गई, जिसके परिणामस्वरूप 1.25 खरब रुपये का राजस्व घाटा हुआ।

पांच वर्षों तक जब तक गारंटी प्रभावी रही, समग्र के साथ साथ केंद्र के जीएसटी राजस्व में गिरावट आई, लेकिन राज्यों को राजकोषीय लाभ मिलता रहा। तो, स्पष्ट रूप से, राज्यों को इस अवधि में लाभ हुआ, जबकि केंद्र को नुकसान हुआ।

अनजाने में, जीएसटी के तहत 14 प्रतिशत केंन्द्रिय मुआवजे की गारंटी राज्यों को लाभ पहुंचाने वाला एक शानदार व्यवस्था बन गई थी। यह व्यवस्था न होती तो कोविड का झटका राज्यों की आर्थिक स्थिति के लिए बहुत ही विनाशकारी साबित हो सकती थी। इसलिए इस तरह की व्यवस्थाओं को एक विशेषता के रूप में देखने की आवश्यकता है।

अब एक बार जब कोविड-युग के ऋण चुका दिए, जाते हैं, तो जीएसटी एक नई स्थिर स्थिति में प्रवेश करेगा।


 👇 Please Note 👇

Thank you for reading our article!

If you don’t received industries updates, News & our daily articles

please Whatsapp your Wapp No. or V Card on 8278298592, your number will be added in our broadcasting list.


Natural Natural