Change of route is not a ground for seizure
- फ़रवरी 24, 2022
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The Gujarat High Court, in a judgment, has held that undervaluation of goods in transit and taking a route different from that specified in the e-way bill cannot in itself be grounds for confiscation of goods by the GST authorities.
The court said that having found nothing other than mere diversion of route, it cannot be definitively taken to imply that the purpose was to evade tax. Similarly, mere devaluation of goods is not sufficient in itself to detain the goods and the vehicle, let alone confiscation.
The court’s order came on a writ petition filed by a vendor and a truck driver. He had filed a petition to get the goods and vehicle seized by the GST officials. The notice of confiscation was given by the Commissioner of Tax in Ahmadabad.
The vehicle and goods were seized on the ground that the truck was going in different directions instead of the direction of destination.
This has led the officials to speculate that the goods seem to be being shipped with an intention to evade tax.
The second premise was that the value of the goods being shipped was shown to be less than the actual market value.
The court found the contention of the petitioners justified that the consignment in transit could not be physically detained for just the above two reasons.
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https://taxguru.in/goods-and-service-tax/goods-transit-confiscated-valuation-wrong-route.html
मार्ग परिवर्तन जब्ती का आधार नहीं
गुजरात उच्च न्यायालय ने एक फैसले में कहा है कि पारगमन में सामान का अवमूल्यन और ई-वे बिल में दिए गए मार्ग से अलग मार्ग से जाना अपने आप में जीएसटी अधिकारियों द्वारा माल को जब्त करने का आधार नहीं हो सकता है।
अदालत ने कहा कि केवल मार्ग में परिवर्तन के अलावा और कुछ नहीं मिलने पर इसका निश्चित तौर पर यह अभिप्राय नहीं निकाला जा सकता है कि इसका मकसद कर चोरी करना था। इसी तरह से सामानों का केवल अवमूल्यन करना ही अपने आप में सामान और वाहन को निरुद्ध करने के लिए पर्याप्त नहीं है, जब्त करना तो दूर की बात है।
अदालत का यह आदेश एक विक्रेता और एक ट्रक चालक की ओर से दाखिल की गई रिट याचिका पर आई है। उन्होंने जीएसटी अधिकारियों द्वारा पकड़े गए सामान और वाहन को छुड़वाने के लिए याचिका दायर की थी। जब्ती का नोटिस अहमदाबाद में कर आयुक्त की ओर से दिया गया था।
वाहन और सामान को इस आधार पर जब्त किया गया था कि ट्रक गंतव्य की दिशा की बजाय विभिन्न दिशाओं में जा रहा था।
इससे अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि लगता है कि सामान को कर चोरी के इरादे से भेजा जा रहा है।
दुसरा आधार यह था कि भेजे जा रहे सामान का मूल्य वास्तविक बाजार मूल्य से कम दिखाया गया है।
अदालत को याचियों का यह तर्क उचित लगा कि महज उक्त दो कारणों से पारगमन में खेप को भौतिक रूप से निरुद्ध नहीं किया जा सकता है।