बचत कम लेकिन संपत्ति में वृद्धि
- नवम्बर 28, 2023
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक डेटा के अनुसार घरेलू निवेशकों की वित्तीय बचत दशकों में सबसे कम है, 2021-22 में जीडीपी के 7.2 प्रतिशत के मुकाबले 2022-23 में जीडीपी का 5.1 प्रतिशत।
घरेलू सकल वित्तीय संपत्ति और ऋणों के डेटा में विचलन केंद्र के लिए चिंता का कारण नहीं है, क्योंकि वित्त मंत्रालय के अनुसार, ज्यादातर ऋणों का उपयोग वास्तविक संपत्ति या ऑटोमोबाइल खरीदने के लिए किया गया है।
वित्त मंत्रालय ने इस पर टिप्पणी दी कि विभिन्न वित्तीय उत्पादों के प्रति उपभोक्ता की पसंद के बदलने के कारण घरेलू बचत के तरीकों में बदलाव आया है। घरेलू बचत को एक भौतिक और वित्तीय बचत के योग के रूप में देखा जाना चाहिए। सामान्य बैंक जमा के अलावा, लोगों ने शेयर, बीमा और म्यूच्यूअल फंड्स में भी पैसा डाला है।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के खुदरा ऋणों में से 36 प्रतिशत वाहन खरीदने के लिए हुआ, जो घरेलू कठिनाइयों की जगह भविष्य में रोजगार और आय की संभावनाओं में विश्वास दिखाता है।
वित्त मंत्रालय ने यह भी बताया कि 2021 के मई के बाद हाउसिंग ऋणों में स्थिर द्विअंकीय वृद्धि हुई है, जिस वित्तीय ऋण को वास्तविक संपत्ति अधिग्रहण करने के लिए उठाया गया है। यह भी माना जा रहा है कि भौतिक संपत्तियों की ओर हुआ यह परिवर्तन रियल एस्टेट में तेजी और संपत्ति के मूल्य में वृद्धि के कारण हुआ है।
‘‘यह जरूर है कि लोगों ने अपने पोर्टफोलियो में पिछले साल और उससे पिछले साल से कम वित्तीय संपत्तियों को जोड़ा हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि उनकी कुल नेट वित्तीय संपत्तियाँ बढ़ रही हैं,‘‘ मंत्रालय की पोस्ट में लिखा गया।
अर्थशास्त्रीयों ने नोट किया कि महामारी के बाद बचत खातों के लिए ब्याज दरें बहुत आकर्षक नहीं रही हैं, इसलिए लोग शेयर बाजार और म्यूच्यूअल फंड्स में अधिक निवेश कर रहे हैं। एक अर्थशास्त्री ने कहा कि लोग अब पहले से अधिक जोखिम लेने लगे हैं और अधिक वित्तीय साक्षरता रखते हैं, जो इस प्रवृत्ति को प्रेरित कर रही है। 2021-22 में, एनबीएफसी ने केवल 21,400 करोड़ रुपये का घरेलू ऋण दिया। 2022 में, उन्होंने लगभग 2.4 खरब रुपये दिए। यह एक 11.2 गुना वृद्धि है।
यह तस्वीरें बताती हैं कि ये वृद्धिकारक आंकड़े हैं,‘‘ वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया। हालांकि RBI ने बैंकों को जमानत के बिना ऋण देने के खिलाफ चेतावनी दी।