Developers buoyant despite rising interest rates
- अगस्त 10, 2022
- 0
Since the repo rate hike from the beginning of May this year has seen the transmission of rate rise to home loan interest rate as well. Besides, there has been a rise in housing prices by 4-7 per cent over last year.
In markets like Mumbai, home buyers are also paying 1 per cent higher stamp duty, as opposed to 16 months ago.
While these factors have shrunk the affordability for home buyers, the housing sale momentum has sustained so far because of income growth. Consumer sentiment on home ownership is supportive of demand.
Rising interest rates are unlikely to compress growth in residential sales in the quarters ahead, observe property developers, fund managers, and real estate consultants.
Many still believe rates are not as high as witnessed in the past decade. They say home prices are still affordable.
They believe that demand will remain intact despite interest rate hikes/increase in property prices due to rapid hiring and income growth.
The information technology industry has seen the highest hiring ever in 2021-22. Salary growth also has been in double digits in line with those reported numbers. The increase in equated monthly installments or increase in home prices is expected to be offset with increase in disposable income.
Housing companies are providing homebuyers a cushion against the latest hike in interest rates by providing financial assistance through schemes. This would encourage customers still on the fence about buying a home.
बिल्डरों को उम्मीद : ब्याज दरों में बढ़ोतरी से आवास बिक्री पर नहीं होगा असर
इस साल मई से रेपो रेट में बढ़ोतरी शुरू हुई है, जिसका असर आवास ऋण की ब्याज दरों पर भी पड़ रहा है। इसके अलावा पिछले साल मकानों के दाम भी 4 से 7 प्रतिशत बढ़े हैं। मुंबई जैसे बाजारों में 16 माह पहले की तुलना में एक प्रतिशत ज्यादा स्टांप शुल्क भी देना पड़ रहा है।
इसकी वजह से ग्राहकों की वहनीयता कम हुई है, लेकिन आवास क्षेत्र की गति बनी हुई है, क्योंकि लोगों की आमदनी बढ़ी है और अपने मकान की इच्छा मांग को समर्थन दे रही है।
प्रॉपर्टी डेवलपरों, फंड प्रबंधकों और रियल स्टेट सलाहकारों का कहना है कि बढ़ती ब्याज दरों से आवास की बिक्री की वृद्धि पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है। कई का अभी भी मानना है कि दरें अभी उतनी ज्यादा नहीं हैं, जितनी पिछले दशक में रही हैं और मकानों की कीमत अभी भी कम है।
उनका मानना है कि ब्याज दर में बढ़ोतरी के बावजूद मांग बनी रहेगी क्योंकि भर्तियां बढ़ रही हैं और आमदनी बढ़ रही है। वित्त वर्ष 22 में आईटी क्षेत्र ने सबसे ज्यादा भर्तियां की हैं। वेतन वृद्धि भी दो अंकों के प्रतिशत में रह है। इसकी वजह से ईएमआई में बढ़ोतरी की भरपाई हो सकेगी।
कई हाउसिंग कंपनियां अपनी आवासीय परियोजनाओं में ब्याज दर की वित्तीय सहायता मुहैया कराकर हाल की बढ़ोतरी से मकान के खरीदारों को राहत दे रही है। विभिन्न शहरों में स्थित इन परियोजनाओं पर प्रोत्साहन देने से ग्राहक मकान खरीदने के बारे में फैसला कर सकेंगे।