छोटी कंपनियां और फैक्ट्रियां अंततः अधिक खर्च करने के बावजुद विफल क्यों हो जाती है?

बीआईएस क्यूसीओ (गुणवत्ता नियंत्रण आदेश) जल्द ही 2025 में लागू होने जा रहे हैं, बशर्ते देश के उच्च संस्थानों के गलियारों में कोई नकारात्मक निहित स्वार्थ इसे ना रोकें।

क्यूसीओ लागू हो या न हो, भविष्य उन (बड़ी या छोटी) कंपनियों/फैक्ट्रियों का है, जो अपने प्रबंधन और रणनीति को इस तरह व्यवस्थित करेंगी-

  • परिचालन एकरूपता
  • सामग्री और लागत (में किफायत) अनुकूलन
  • गुणवत्ता एकरूपता
  • (सार्थक नियम कायदो का) अनुपालन

विनिर्माण सुविधाओं को भविष्य में इन महत्वपूर्ण मापदंडों के अनुसार चलाने के लिए, मन (विचार धारा), निर्णय और रणनीति की स्थिरता और एकरूपता की आवश्यकता होती है, जो किसी भी हवा से उत्पन्न किसी जादू से कहीं ज़्यादा कारगर है।

घबराहट का समय काल

यह एक छोटी कंपनी/फैक्ट्री के ‘‘विस्तार‘‘ की प्रक्रिया में सबसे दर्दनाक और कभी-कभी लंबा चरण होता है। कॉर्पाेरेट निर्माताओं की विनिर्माण, परिचालन और विपणन दक्षताओं के समकक्ष होने का जुनून, उद्यमी के दिमाग पर हावी हो जाता है, और मशीनरी और लोगों पर निवेश की जल्दबाजी में, जुनून में फैसले लेने की शुरुआत कर देता है।

जुनून के वशीभूत, ऐसे उद्यमी कॉर्पारेट जगत से ‘‘प्रबंधक‘‘ और ‘‘सहायक प्रबंधक‘‘ को अपनी कमान सौंप देते हैं। उन्हें इस बात का अंदाज भी नहीं होता है कि कॉर्पारेट में ये पद केवल बहुत सीमित क्षेत्र के किसी विशिष्ट काम को परिभाषित करते हैं, और उन्हें एक साथ कई परिचालनों (कार्यों) का प्रबंधन या संचालन करना नहीं होता है। कॉर्पारेट में सैकड़ों प्रबंधक और सहायक प्रबंधक हो सकते हैं। उनका काम केवल एकल-प्रक्रिया गतिविधि-नियंत्रण है। उनमें अक्सर मल्टी-टास्किंग कार्य क्षमताओं की कमी होती है।

कॉर्पारेट से ऐसे ‘‘प्रबंधकों‘‘ को प्राप्त करने की ‘‘दौड़‘‘ में, उद्यमी अपनी हैसियत से अधिक, उनके असाधारण वेतन और भत्तों पर खर्च करते हैं, इस सपने और उम्मीद में कि कॉर्पारेट से आए हुए ऐसे अनुभवी लोग जादू से उनकी फैक्ट्रियों को बदल देंगे।

वास्तविकताः जबकि, छोटी फैक्टरियों के साथ-साथ प्रगतिशील छोटी फैक्टरियों कोऐसे कुशल मल्टीटास्कर और निर्णायक कर्मचारियों की आवश्यकता होती है जो धैर्य, आत्मविश्वास और दृढ़ता के साथ अपने कंधों पर कई जिम्मेदारियों का भार उठा सकें। जुनून की इस अंधी दौड़ में, मालिक अपने स्वयं के आजमाए हुए और भरोसेमंद प्रबंधन सहयोगियों के विशाल अनुभव, फैक्टरी चलाने के ज्ञान की गहराई और अनंत क्षमताओं को ‘‘अनदेखा‘‘ और(/या) ‘‘नीचा‘‘ महसूस करने लगते हैं और अचानक अपने पुराने अनुभवी कर्मचारियों के लिए शत्रुतापूर्ण वातावरण बना देते हैं। इस तरह उद्यमी एक अज्ञात जादू की तलाश में अपने पास पहले से मौजूद अनुभवी प्रतिभा को खोने का जोखिम उठाते हैं।

इस प्रक्रिया में, वे विस्तार के अपने महत्वपूर्ण ‘‘योद्धाओं‘‘ को खो देते हैं - अपने स्वयं के आजमाए हुए, परखे हुए, अनुभवी और बुद्धिमान प्रबंधन सहयोगी जैसे कि जीएम और पीएम, (प्रबंधक और सुपरवाइजर) जो हमेशा उनके साथ रहे हैं, और जो उन्हें और साथ ही उनकी संपूर्ण फैक्टरी को गहराई (अंदर और बाहर) से जानते हैं। इन अनुभवी आंतरिक विशेषज्ञों के सहयोग के बिना, कोई बाहरी विशेषज्ञ/जादूगर आकर मामलों को हल नहीं कर सकता।

विस्तार या विकास में कोई जादू नहीं है - सिवाय अच्छी तरह से परिभाषित रणनीति के, जिसका उद्यमियों (मालिकों) को आत्म-अनुशासन और दृढ़ता के साथ पालन करना चाहिए।

अनुकूलनशीलता की कमी

अधिकांश विस्तारित छोटी फैक्ट्रियाँ सोचती हैं कि अनुकूलनशीलता का अर्थ है - कॉरपोरेट्स द्वारा किए जाने वाले कामों के अनुरूप अपनी मानसिकता बनाने की कोशिश करना।

वास्तविकता यह है - अनुकूलनशीलता फैक्ट्रियों और उनके मालिकों की अपनी खास आंतरिक कार्यशैली और कार्य संस्कृति के आधार पर ‘‘विनिर्माण, और परिचालन प्रक्रियाओं और कार्यप्रणाली‘‘ को अनुकूलित करने की क्षमता है।

अधिकांश निर्माताओं को लगता है कि उनके कारखानों और श्रमिकों को अनुकूलन की आवश्यकता है। वास्तव में यह इसके विपरीत है - मालिकों को ही गुणवत्ता, मात्रा और परिचालन अनुशासन के अनुकूल होने की आवश्यकता है। यह एक महत्वपूर्ण गलतफहमी है।

पैसा निवेश करने से अनुकूलनशीलता हवा से ‘‘उत्पादित‘‘ नहीं होती है। मालिकों/निवेशकों को सबसे पहले स्वयं को अनुकूलित होने की आवश्यकता है।

अनुकूलनशीलता और मशीनरी

उपरोक्त अनुकूलनशीलता सबसे उपयुक्त मशीनरी के चयन की कुंजी भी है। मैं यह देखने में सक्षम रहा हूँ कि जो मालिक नवीनतम प्रक्रियागत मशीनरी खरीदते हैं, (केवल इसलिए कि ग्रीन या सेंचुरी या XYZ के पास है और उनका बेहतरीन उपयोग कर रहे हैं), वे प्रक्रिया मशीनरी का इष्टतम उपयोग करने में विफल हो जाते हैं - निवेश बर्बाद हो जाता है। और, कॉरपोरेट्स में इस मशीनरी को चलाने वाले व्यक्ति को चुनना भी यह सुनिश्चित नहीं कर पाता कि वही उपकरण आपके कारखाने में इष्टतम रूप से चला सकें। यह एक प्राकृतिक सत्य है।

भ्रामक निवेश

मशीनरी और उपकरण में निवेश - विशेष रूप से भविष्य प्रबंधन के लिए - काम में आसानी, (उत्पादन की) मात्रा-गुणवत्ता संतुलन और उत्पाद की सटीक और सुसंगत गुणवत्ता के आधार पर होना चाहिए। एक अप्रबंधनीय सपने के पीछे भागते हुए बेतरतीब मशीनरी निवेश, उद्यमी का (तेजी से विस्तार की दौड़ में पड़कर) बहुत सारा पैसा और संसाधन नश्ट रहा है। निवेशकों और मालिकों को अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए और परिणामों के बारे में जानकारी होना चाहिए। उद्योग एक सुसंगत रणनीतिक गतिविधि है, स्टॉकिंग और ट्रेडिंग के विपरीत। ऐसी मशीनरी और उपकरण चुनें जो आपकी खुद की विनिर्माण आवश्यकताओं और व्यवस्थाओं के अनुरूप हों। दूसरों ने जो किया है उसका अनुकरण न करें। वे केवल संदर्भ बिंदु हैं।

ग्लू किचन

जोकि प्लाईवुड विनिर्माण क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है (और) लेकिन, पूरे कारखाने का सबसे अधिक अनदेखा किया जाने वाला हिस्सा। यह देखा गया है कि कॉरपोरेट्स ने भी, अभी तक, प्लाईवुड जगत के इस हिस्से की कभी परवाह नहीं की थी।

सटीक माप औजार और उपकरण, सटीक मिश्रण उपकरण, सटीक माल स्थानांतरण तंत्र, सटीक और उच्च गुणवत्ता वाली ग्लू स्प्रेडर मशीनें, ये सभी पूरी तरह से QCO के कार्यान्वयन की दक्षता तय करती हैं, (यह मानते हुए कि अन्य सभी कारकों को अच्छी तरह से समझ और ध्यान में रखा गया है)। ग्लू किचन और इसकी गतिविधियाँ प्लाइवुड फैक्ट्री के मालिक का बहुत सारा पैसा बचा सकती हैं। ग्लू किचन में समझदारी और रणनीतिक तरीके से निवेश करना एक ऐसा तथ्य है जिसे पूरे प्लाइवुड और पैनल उद्योग क्षेत्र में ज़्यादातर अनदेखा किया जाता है और अहंकारपूर्वक नगण्य निवेश करार दिया जाता है।

उदाहरण के लिए, ऐसे ग्लू केटल में निवेश करे जिससें भले ही पकाने का समय अधिक लगे, लेकिन बार बार ग्लू बनाने से बचा जा सके।

निष्कर्ष

सफल और समझदार उद्यमी चाहे माइक्रो, स्मॉल या लार्ग हो, हमेशा कारखानों को सुव्यवस्थित और अनुशासित तरीके से चला सकता है।

बाहर से अनुशासन की तलाश करने के बजाय, जागरूकता और आंतरिक विचार-सुसंगति और कार्रवाई-अनुशासन का अभ्यास करना निवेश को नियंत्रित रखने और ओवरहेड्स/लागतों को कम रखने में मदद कर सकता है।

  • अपने ही अनुभवी योद्धाओं को सशक्त और सक्षम बनाएँ। उनकी बात गहराई से सुनें।
  • समझदारी से और नियंत्रित, समयबद्ध तरीके से धैर्य के साथ निवेश करें।
  • मौजूदा सिस्टम के भीतर दक्षता की तलाश करें।
  • कॉरपोरेट फ्लोर लेवल ‘मैनेजर’ और ‘असिस्टेंट मैनेजर’ से जादू की उम्मीद न करें। कॉरपोरेट में उनके लिए, अधिकतर, मंच पहले से ही तैयार होता है।
  • विस्तार के लिए निर्भीक, आत्मविश्वासी और साहसी मल्टी-टास्कर्स की तलाश करें।
  • अंत में, बाहर अनुशासन की तलाश करने से पहले, खुद को अनुशासित करें।