जीएसटी और आयकर को आधार बना एसबीआई द्वारा एमएसएमई को तत्काल ऋण
- अगस्त 9, 2024
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भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने एमएसएमई के लिए डिजिटल बिजनेस लोन योजना शुरू की है। इस योजना के तहब बैंक अब सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के ऋण मूल्यांकन के लिए आयकर और जीएसटी रिटर्न और बैंक स्टेटमेंट के डाटा का आंकलन करेगा। उसके आधार पर एमएसएमई इकाई को बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के आवश्यक विवरण जमा करने के बाद 10 सेकंड में ऋण स्वीकृत करेगा।
50 लाख तक के ऋण के लिएए एसबीआई ने वित्तीय विवरणों के बिना ही लिया जा सकता है। इसकी जगह बैंक पूर्व की लेनदेन और जीएसटी रिटर्न की ही विवेचना करेगा।
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने बताया, “मने एमएसएमई ऋण परिदृश्य में क्रांति लाने, मानवीय हस्तक्षेप को कम करने और व्यापार करने में आसानी को बढ़ाने के लिए अपने ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ सहजता से नवाचार को एकीकृत किया है। विशेष रूप से उस सेगमेंट के लिए जहां पहले उच्च लागत और मैनुअल प्रक्रिया थी। यह ऐसा सिस्टम है, जो स्वयं ही काम करता है। इसमें बस एमएसएमई इकाइयों के खातों में दर्ज आंकड़ों का लाभ उठाकर, हमारा लक्ष्य सबसे तेज़ और सबसे सहज ऋण प्रक्रिया प्रदान करता है, जो देश में अग्रणी एमएसएमई ऋणदाता के रूप में हमारी स्थिति को और मजबूत करेगा है।“
बैंक ने कहा कि अगले पांच वर्षों में बैंक की वृद्धि और लाभप्रदता के लिए एमएसएमई अग्रिमों को केंद्र बिंदु के रूप में पहचाना गया है। इस नए डिजिटल ऋण उत्पाद से एंड-टू-एंड मंजूरी समय को 45 मिनट तक कम करने की उम्मीद है।
बैंक ने एसएमई सेगमेंट में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है और मार्च 2024 के अंत तक एसएमई उधारकर्ताओं को बकाया ऋण 4 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है।
इस नयी योजना को बैंक के सभी चौनलों, जैसे इसकी वेबसाइट, शाखाओं, एसएमई केंद्रों और साथ ही इंटरनेट प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है। एसबीआई आने वाले महीनों में पार्टनर टचपॉइंट्स और आउटडोर टचपॉइंट्स पर क्यूआर कोड के माध्यम से भी इस योजना को पेश करेगा।
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