वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि मौजूदा एनडीए सरकार सब का साथ सब के विकास की नीति को लेकर चल रही है। विश्व स्तर पर भले ही कितनी भी उथल पुथल मच रही हो हम आत्मविश्वास से लबरेज सुविधाजनक परिस्थितियां बनाते हुए अपनी अर्थव्यवस्था को गति देने में लगे हुए हैं। इसका परिणाम यह है कि हमारी अर्थव्यवस्था विश्व के तमाम उतार चढ़ाव के बावजूद विकास दर बनाए हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रही कीमतों के दबाव के बावजूद हम विकास के रास्ते पर चल रहे हैं।

पेश है बजट के बाद वित्त मंत्री की बातचीत की प्रमुख बातें:

शासन और विकास

सरकार ने ‘जीडीपी‘ पर ध्यान केंद्रित किया है, जिसका मतलब ऐसी नीतियां बनाना जो अच्छे प्रदर्शन को बढ़ावा देते हुए अर्थव्यवस्था को विकास की ओर ले जाने वाली हो। आर्थिक विकास को लेकर हमने सही समय पर सही नीति निर्धारित करते हुए सही निर्णय लिए।

इसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था का प्रबंधन बेहतर ढंग से होना संभव हुआ। विकास में ‘डी‘ का मतलब यह है कि हम अपने देश के लोगों को बेहतर जीवन के लिए, बेहतर कमाई के अवसर उपलब्ध कराते हुए एक अच्दे व आदर्श भविष्य की ओर लेकर जाए। जहां तक अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन का सवाल है, हमने लगातार तीन वर्षों में 7 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हासिल की है। जी 20 देशों के समूह में भारत की अर्थव्यवस्था अब सबसे तेजी से बढ़ रही है। देश के सभी भागों में समान विकास हो रहा है।

कोविड 19 महामारी के बाद बढ़ती कीमतों पर काबू रखना एक चुनौती थी, सरकार ने इस दिशा में महत्वपूर्ण काम करते हुए कीमतों को काबू में रखे हुए मुद्रास्फीति प्रबंधन किया। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करते हुए डिजिटल और सामाजिक बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया है।

हमारा मानना है कि अर्थव्यवस्था के विकास में सार्वजनिक डिजिटल सेवाएं बड़ी भूमिका अदा करती है। इसे ध्यान में रखते हुए डिजिटल सेवाओं को मजबूत किया। बैंकिंग प्रणाली को और ज्यादा मजबूत व विश्वसनीय बनाया गया है और पूरे देश में जीएसटी को लागू किया।

राजकोषीय घाटे को काबू में रखने की नीति

यह समय राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण है।

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फिर भी हमने हमने वित्त वर्ष 2025 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 5.1 प्रतिशत तक रखने का लक्ष्य रखते हुए 2026 में 4.5 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे तक सीमित करने के रास्ते पर हैं।

हम यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार के बजट में सकल घरेलू उत्पाद के 5.9 प्रतिशत घाटे के बजट अनुमान की तुलना में हम घाटे को 5.8 प्रतिशत पर सीमित कर पाए।

समाज के चार स्तम्भ

जिन पर किया ध्यान केंद्रित हमारे समाज के चार ऐसे प्रमुख वर्ग है, जिनके विकास और कल्याण के बिना हमारा समाज तरक्की व समृद्धि की राह पर आगे नहीं बढ़ सकता। प्रधानमंत्री जोर देकर कहते हैं कि गरीब वर्ग महिलाएं, युवा और किसानों पर पूरा ध्यान देने की जरूरत है। हम भी अपना ध्यान समाज के इन चार वर्गों पर केंद्रित करते हुए योजनाओं का लाभ इस वर्ग तक पहुंचाने में लगे हुए हैं।

उच्च विकास दर को बनाए रखना

महामारी के दौरान पूंजीगत व्यय अर्थव्यवस्था की मजबूती की जड़ है। इस तथ्य को सामने रख कर हम चार साल से पूंजीगत व्यय पर काम कर रहे हैं। अमृत काल में उच्च आर्थिक विकास दर को बनाए रखने के लिए हम बड़े पैमाने पर विकास योजनाओं पर खर्च कर रहें हैं।

सामाजिक न्याय और सामानता

सामजिक न्याय और समानता हमारी प्रशासन की प्रमुखता हैं। इस को ध्यान में रखते हुए वित्त वर्ष 2025 के बजट के मुख्य बिंदुओं में दो करोड़ घर का निर्माण कराया जाएगा। यह घर पहले से चल रही प्रधान मंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत लगभग तीन करोड़ घर जो लगभग पूरा होने वाले हैं से अलग होंगे। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देते हुए 300 यूनिट बिजली छत पर सौर उर्जा के माध्यमों से मुफ्त उपलब्ध कराना। महिला सशक्तिकरणयः लखपति दीदी का लक्ष्य 20 मिलियन से बढ़ाकर 30 मिलियन किया गया। एमएसएमई को मजबूत और सशक्त बनाया जाएगा, जिससे यह क्षेत्र गुणवत्ता में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टक्कर दे पाए। ऐसा माहौल और नीति तैयार की जाएगी, जो एमएसएमई के विकास में सहायक साबित हो सके।


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