Government Business Now through Private Banks
- मार्च 22, 2021
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The centre has lifted the restrictions on the grant of government business to private banks, Finance Minister Nirmala Sitharaman announced on 24 February. All private sector banks now will be allowed to conduct government-related banking transactions such as tax and pension payments. Sitharaman in a tweet said that private banks can now be equal partners in the development of the Indian economy, furthering government social sector initiatives, and enhancing customer convenience.
The move to lift embargo will spur competition and promote greater efficiency in the standards of customer services, the department of financial services said.
Government-related banking transactions include taxes and other revenue payments, pension payments, and small savings schemes.
The current directive relates to the central government’s business.
This will also benefit customers in specific instances like businesses and firms maintaining accounts with public sector banks (PSBs) for paying tax, this can be done through private banks as well more over.
The social sector programs of the government can be conducted through private banks as well, when private banks get government business, they will be obliged to perform,
“Private banks are competent to handle mandates for public benefit with a robust digital backbone.”
निजी बैंकों से भी सरकारी काम कर सकेंगे
वित्त मंत्रालय ने निजी क्षेत्र के सभी बैंकों को सरकार से जुड़े कारोबार जैसे कर संग्रह, पेंशन भुगतान और लघु बचत योजनाओं में हिस्सा लेने की अनुमति दे दी। अब तक केवल कुछ बड़े निजी क्षेत्र के बैंकों को सरकार से संबंधित कामकाज करने की अनुमति थी।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस कदम से ग्राहकों की सुविधा, प्रतिस्पर्धा और उपभोक्ता सेवाओं के मानकों में कुशलता और बढ़ेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ट्वीट में कहा, ‘निजी बैंकों द्वारा सरकारी अनुदान संबंधी काम करने पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया है। निजी बैंक अब भारत की अर्थव्यवस्था के विकास, सरकार की सामाजिक क्षेत्र की पहल को आगे बढ़ाने और ग्राहकों की सुविधा बढ़ाने में बराबर के साझेदार होंगे।
बयान में कहा गया है कि निजी क्षेत्र के बैंक अत्याधुनिक तकनीक और नवोन्मेश को लागू करने में सबसे आगे हैं, अब वे भारत के विकास में बराबर के साझेदार होंगे और सरकार के सामाजिक क्षेत्र की पहल को आगे बढ़ाएंगे।
इसमें कहा गया है, ‘रोक हटाए जाने के साथ अब निजी क्षेत्र के बैंकों को सरकारी एजेंसियों के काम सहित सरकार के कारोबार में अधिकृत करने को लेकर (सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ) भारतीय रिजर्व बैंक पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।’
बहरहाल सार्वजनिक क्षेत्र के एक पूर्व बैंकर ने कहा कि इससे सरकारी बैंकों पर असर पड़ेगा क्योंकि उनके लिए यह बहुत बड़ा कारोबार है। इसकी बहुत संभावना है कि इस कारोबार का बड़ा हिस्सा समय बीतने के साथ निजी बैंकों को दे दिया जाएगा।
हालांकि हर साल कारोबार का आकार बढ़ रहा है ऐसे में सभी बैंकों के लिए पर्याप्त मौका है। यह प्रतिस्पर्धा बढ़ने और ग्राहकों की सुविधा के हिसाब से बेहतर होगा।