Govt. asks companies to reveal CSR spend, benami property transactions from FY22
- मई 3, 2021
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The Ministry of corporate Affairs (MCA) has made amendments to rules in the companies Act, mandating firms to disclose their investments in crypto currencies, spend on corporate social responsibility (CSR), and benami property transactions, among others in their financial statements from the next financial year.
Companies will also have to disclose their relationship with struck-off firms and the details of title deeds of immovable property not held in the name of the company.
A few other amendments focused on broadening the scope of audit reporting. New, management representations on advances, loans, and investments, etc, will have to be reported. One of these changes requires companies to use those accounting software for maintaining its books that allow it to record the audit trail of every transaction.
Companies will also have to disclose insolvency and bankruptcy matters and information relating to the valuation of the company’s assets in the board’s report. The new rules come into effect from April 1, 2021.
Companies will also have to disclose the expenditure on CSR activities of the previous years as well, including reasons for any shortfall. Till now, CSR spend has been part of the directors’ report, but now companies will have to disclose it in their financial statements.
The report should also contain the details of the difference between the amount of valuation of related assets done at the time of one-time settlement and the valuation done while taking a loan from the banks or financial institutions, along with the reason thereof, he said.
From next year, the audit report will have to disclose the information cited above if those were not revealed in notes to accounts. Also, it has to be disclosed whether dividend declared or paid was in compliance with section 123 of the companies Act. The section mandates companies to declare dividend only out of profit or money given by the governments in lieu of guarantees given by them.
अगले वित्त वर्ष से सीएसआर खर्च और
क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन की देनी होगी जानकारी
अगले वित्त वर्ष से कंपनियों को अपने बहीखातों में उन बातों का जिक्र करना पड़ सकता है जो अमूमन इसका हिस्सा नहीं होती है। कंपनी मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने कंपनी अधिनियम में नए संशोधन किए हैं जिनके बाद अब कंपनियों को आभासी मुद्राओं (क्रिप्टोकरेंसी) में कारोबार, काॅर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) और कंपनी पंजीयक की सूची से हट चुकी कंपनियों से अपने संबंधों की जानकारी वित्तीय बहीखाते में देनी होगी। इनके अलावा कंपनियों को वित्तीय बहीखाते में बेनामी संपत्ति और उन अचल संपत्तियों के मालिकाना का भी जिक्र करना होगा जो उनके नाम पर नहीं है।
मंत्रालय ने कुछ नए प्रावधान भी किए हैं जिनमें ऑडिट रिपोर्टिंग का दायरा व्यापक बनाने की बात भी शामिल है। इसका आशय है कि ऋण आवंटन, ऋण एवं निवेश आदि की जानकारियां भी देनी होंगी। एक अन्य प्रावधान के तहत कंपनियों को अपने बहीखाते के रखरखाव के लिए उन अकाउंटिंग साॅफ्टवेयर की जरूरत होगी जिनसे उन्हें प्रत्येक लेनदेन की छोटी से छोटी जानकारियां रखने में मदद मिलेगी।
कंपनियों को निदेशक मंडल की रिपोर्ट में ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवालिया मामलों और कंपनी के मूल्यांकन से जुड़ी बातों का भी खुलासा करना होगा।
ये नए प्रावधान 1 अप्रैल, 2021 से प्रभाव में आएंगे लेकिन कंपनियों को सीएसआर मद में हुए खर्च के पिछले वर्ष के आंकड़े भी दिखाने होंगे और इनमें आई किसी तरह की कमी आई है तो उसका भी कारण बताना होगा। अब तक सीएसआर खर्च की जानकारी निदेशक मंडल की रिपोर्ट में दी जाती थी लेकिन अब कंपनियों को वित्तीय बहीखातों में इसका ब्योरा देना होगा।