The government and the Reserve Bank of India(RBI) are considering relief measures for businesses as India continue to battle the deadly second wave of the Covid-19 pandemic.

Both are looking into the demands made by small businesses and other industries to provide some relief to them amid the Covid crisis, said a senior source from government.

All options are being considered, and “it’s too early to come up with relief measures immediately even as there is pressure from industry”, it said.

Last year, the government had introduced a Rs.3 trillian collateral free loan guarantee scheme for small businesses and widened it to include more sectors and categories of borrowers. The scheme can be availed of till June 30.

The restricting window for MSMEs, announced by the RBI in August last year, allowed lenders to extend repayment schedules for borrowers by up to two years. The window was open until March 2021.

“The disruption caused in the past three weeks has been unprecedented, and measures are needed to support businesses, and the government is aware of that,” said another source.

Consumption is showing signs of dip even as goods and services tax (GST) collection for March, collected in April, was at a record high. Barring a few, leading high frequency indicators are also showing a decline.

Wholesale dispatches have been impacted in April, reporting a decline compared to March. The Google Mobility Index show that the mobility trend has not recovered to the pre-Covid baseline.

Most parameters, baring visits to supermarkets and pharmacies, plummeted more than 50 per cent as on April 28. Electricity demand, vehicle registrations, and generation of GST e-way bills are seen slackening sequentially in April, revealing the impact of the recent surge in Covid-19 cases and localized restrictions.

The government recently announced some steps such as extending timelines for certain tax compliances and providing 50-year interest-free loans to states to spur capital expenditure. It has also announced relaxation in payment of GST.


सरकार और आरबीआई द्वारा उद्योगों को फिर राहत देने पर विचार


कोविड-19 महामारी की दूसरी और ज्यादा घातक लहर से जूझ रहे देश के कारोबारी जगत को राहत देने के उपायों पर विचार हो रहा है। शीर्ष सुत्रों ने बताया कि लघु उद्योग और दूसरे उद्योगों ने राहत मुहैया कराने की मांग की है, जिस पर सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक विचार कर रहे हैं।

हालांकि सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है मगर उद्योग से दबाव के बावजूद फौरन राहत उपाय करना मुमकिन नहीं है।

पिछले साल सरकार ने लघु उद्योगों के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की गिरवी ऋण गारंटी योजना शुरू की थी और बाद में इसमें अन्य क्षेत्रों और श्रेणियों को भी शामिल किया गया था। इस योजना का लाभ 30 जून तक लिया जा सकता है।

रिजर्व बैंक ने भी पिछले अगस्त में एमएसएमई के लिए ऋण पुनर्गठन योजना की घोषणा की थी, जिसके तहत कर्ज देने वाली संस्था कर्जदार से रकम वसूली की अवधि दो साल बढ़ा सकती थी। यह योजना इस साल मार्च तक चालू थी।

एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘पिछले तीन सप्ताह में कारोबार में जबरदस्त रूकावट आई है और कारोबारियों को मदद की जरूरत है, जिसे सरकार भी समझती है।’

मार्च के महीने में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का रिकाॅर्ड संग्रह रहा। लेकिन खपत में गिरावट नजर आ रही है और ज्यादातर प्रमुख संकेतक गिर ही रहे हैं।

गूगल मोबिलिटी इंडेक्स से पहले के स्तर पर नहीं पहुंचा है। बाजार में सामान्य आवाजाही 50 फीसदी से भी ज्यादा गिर चुकी थी। अप्रैल में बिजली की मांग, वाहन पंजीकरण और जीएसटी ई-वे बिल सृजन में पिछले महीने के मुकाबले गिरावट आ रही है, जिससे पता चलता है कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों और स्थानीय प्रतिबंधों का कितना अधिक असर है।

सरकार ने हाल में कुछ उपायों की घोषणा की है। इनमें कर अनुपालन की समयसीमा में बढ़ोतरी, पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए राज्यों को 50 साल का कर मुक्त ऋण देना आदि शामिल हैं। सरकार ने जीएसटी के भुगतान में भी कुछ ढील दी हैं।


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