AFTER DEMONETIZING

जब पूछा गया कि क्या प्रोडक्शन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजनाओं के समान किसी प्रकार के फंडिंग उद्यम को बनाने का प्रयास किया जा सकता है, तो पियुष गोयल ने कहा कि यह संभावना नहीं है हालांकि उद्योग और सरकार के बीच एक साझेदारी हो सकती है।

‘‘क्योंकि एक अच्छे विचार या बुरे विचार का मूल्यांकन करना सरकार का काम नहीं है कृ हम इसे गड़बड़ा देंगे कृ मुझे लगता है कि यह बेहतर है हम यह काम उद्योग को करने दें,‘‘ उन्होंने कहा।

सरकार सार्वजनिक धन के अभिरक्षकों जैसे बीमा कंपनियों या बैंक्स को स्टार्टअप्स में अधिक निवेश करने के लिए नहीं कह सकती, मंत्री ने कहा, यह सार्वजनिक मस्तिष्क अभी तक पर्याप्त परिपक्व नहीं है कि वह अधिक जोखिम स्वीकार कर सके भले ही ‘‘एक बड़े पुरस्कार के वादे के साथ‘‘ भी आता है।

‘हमने पहले भी देखा है कि वित्तीय संस्थानों द्वारा लिए गए जोखिमों के कारण होने वाले किसी भी हानि का आखिरी भार सरकार पर आता है। और इसलिए भी क्योंकि सभी बीमा कंपनियां, बैंक (और) उच्च-नियंत्रित संस्थाएँ, किसी ना किसी रूप में सार्वजनिक धन का उपयोग कर रही हैं,‘‘ उन्होंने कहा।